गुमला भाई-बहन के स्नेह व अटूट रिश्ते का पर्व भाई दूज गुरुवार को हर्षोल्लास से मनाया गया. कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिंदू धर्म के इस पर्व का काफी महत्व है. यह पर्व भाई के प्रति बहन के स्नेह को दर्शाता है. इस दिन बहनें उपवास रखती हैं और पूजा कर भाई की खुशहाली के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हैं. भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है. वेदों और पुराणों में भाई दूज का उल्लेख मिलता है. इसमें भाई-बहन के स्नेह और सुरक्षा के बंधन को महत्व दिया गया है. पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज और उनकी बहन यमुना के दिन मिलने के कारण इसका नाम यम द्वितीया पड़ा. इस दिन यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन कराया और यह वरदान प्राप्त किया कि जो भाई इस दिन अपनी बहन के घर भोजन करेगा, उसे शत्रुओं और संकट से मुक्ति मिलेगी. यह त्योहार सनातन संस्कृति और पारिवारिक परंपराओं को बनाने की सीख देता है. इधर, बहनों ने उपवास रख कर पूजा के बाद सर्वप्रथम भाइयों के माथे पर तिलक लगाया. इसके बाद भाई पर अक्षत की वर्षा आरती उतारी. मीठा खिलाने के बाद पानी पिला कर आशीर्वाद प्राप्त किया. इस दौरान भाइयों ने बहनों को आशीर्वाद व उपहार दिया.
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