27 गुम 17 में मंच पर अधिकारी प्रतिनिधि, गुमला बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के 100 दिन कैंपेन को लेकर गुरुवार को नालसा एवं झालसा के निर्देशानुसार और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ध्रुव चंद्र मिश्र के मार्गदर्शन पर एसएस बालिका उच्च विद्यालय गुमला में कार्यक्रम हुआ. प्रधान जिला जज ने कहा कि बाल विवाह समाज की एक कुरीति है. उम्र सीमा से पहले बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास नहीं हो पता है. इस कारण बाल विवाह करना निषेध माना गया है. जिस तरह फसल को समय से पहले काट देने से नष्ट हो जाता है. उसी तरह बच्चों का विवाह भी समय से पहले करने से अनेक तरह की समस्या आती है. उन्होंने बच्चों और परिजनों से कहा कि बाल विवाह का विरोध करें. बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ने का अवसर दें और उन्हें ऊंची उड़ान भरने दें. पहले पढ़ाई फिर विदाई. कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ओम प्रकाश ने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम को लेकर बहुत से कानून पहले से ही बनते आ रहे हैं और अभी भी बाल विवाह रोकथाम के लिए कानून है.डालसा सचिव राम कुमार लाल गुप्ता ने कहा कि आशा योजना के तहत 100 दिन का कैंपेन जो बाल विवाह के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें बाल विवाह के रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. डीइओ कविता खलखो ने कहा कि बच्चों पढ़ने में अपना ध्यान दें. गार्जियन भी अपने बच्चों को मन लगाकर पढ़ाई कराये. एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने कहा कि हमें बाल विवाह की प्रति लोगों को जागरूक करना होगा. एलएडीसी प्रमुख डीएन ओहदार ने बाल विवाह से संबंधित कानून का विस्तृत रूप से जानकारी दी. कार्यक्रम का संचालन स्थायी लोक अदालत के सदस्य शंभू सिंह ने किया. स्वागत भाषण विद्यालय की एचएम शशि नीलम तिर्की ने किया. मौके पर पीएलवी राजेश सिंह, नीलम लकड़ा, जरीना खातून, अमृता कुमारी, राजीव नायक, प्रेम कुमार शाह, जया सेन, विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं अभिभावक एवं बच्चे उपस्थित थे.
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