गुमला. सिसई के स्व रामशरण जायसवाल गुमला जिले में कांग्रेस के मजबूत स्तंभ थे. जब तक वह जिलाध्यक्ष रहे कांग्रेस गुमला, सिसई व बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत थी. उनके कार्यकाल में इन तीनों सीटों में कांग्रेस के ही विधायक हुआ करते थे. 1999 में उग्रवादियों ने रामशरण जायसवाल की हत्या कर दी थी. हालांकि कई दिनों तक मामला गरम रहा था. लेकिन इस हत्या के बाद से क्षेत्र में कांग्रेस के पांव उखड़ने लगे. यही कारण है कि तीनों विधानसभा सीटों में कांग्रेस वापसी करने के लिए आज तक संघर्ष कर रही है. अब तो स्थिति यह है कि कांग्रेस इन तीनों सीटों पर चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पायी. साथ ही गठबंधन व संगठन की कमजोरी के कारण तीनों सीटें झामुमो के खाते में चली गयी हैं.
वर्तमान परिस्थिति में स्व रामशरण जायसवाल की चर्चा करने की मुख्य वजह यह है कि गुमला में अभी कांग्रेस जिलाध्यक्ष का चुनाव होने वाला है. बीते 26 साल से गुमला कांग्रेस में बहस का यह मुद्दा रहा है कि रामशरण जायसवाल के बाद से किसी सदान नेता को जिलाध्यक्ष नहीं बनाया गया. यही वजह है कि सदानों का एक बड़ा वर्ग जो कांग्रेस में मजबूत स्तंभ हुआ करता था, धीरे-धीरे दूसरी पार्टियों की ओर रुख कर लिया. ऐसे में इस बार गुमला में मांग उठ रही है कि किसी सदान को जिलाध्यक्ष बनाया जाये.चार बार विधायक बने बंदी उरांव
स्व रामशरण जायसवाल जब जिलाध्यक्ष हुआ करते थे, तब सिसई से बंदी उरांव चार बार विधायक बने. वहीं गुमला से बैरागी उरांव और बिशुनपुर से भुखला भगत तीन-तीन बार विधायक बने थे. लेकिन रामशरण जायसवाल की हत्या के बाद से गुमला व बिशुनपुर में कांग्रेस का कोई विधायक नहीं बना, जबकि सिसई विस से मात्र 2009 में एक बार गीताश्री उरांव विधायक बनी थीं. इधर, गुमला में कांग्रेस का जिलाध्यक्ष कौन होगा. इसकी रायशुमारी शुरू हो गयी है. सामाजिक संगठनों से भी फीडबैक लिया जा रहा है. जिलाध्यक्ष चयन को लेकर चार सदस्यीय पर्यवेक्षक भी गुमला पहुंच चुके हैं, जिसमें मुख्य पर्यवेक्षक डॉ रघु शर्मा हैं. 1999 से पहले रामशरण जायसवाल थे बड़ा चेहरा : गुमला जिले में रामशरण जायसवाल 1999 में कांग्रेस पार्टी का बड़ा चेहरा हुआ करते थे. उनकी कुछ यादों का स्मरण करते हुए उनके साथ रहे नेताओं ने बताया कि रामशरण जायसवाल के नेतृत्व में पार्टी जो भी विधानसभा चुनाव लड़ी, सभी में जीत दर्ज की थी. उनकी एक आवाज पर पूरा गांव जुट जाता था. जब रामशरण जायसवाल जिलाध्यक्ष थे, उस समय सिमडेगा गुमला जिले में था, इसलिए बड़ा क्षेत्र हुआ करता था. इतना बड़ा क्षेत्र होने के बाद भी रामशरण जायसवाल हर एक गांव घूमते थे.पर्यवेक्षक पहुंचे गुमला, जिलाध्यक्ष कौन हो, फीडबैक लेने की प्रक्रिया शुरू
कांग्रेस पार्टी के संगठन सृजन अभियान के तहत जिला पर्यवेक्षक डॉ रघु शर्मा गुमला पहुंचे. साथ में जिला पर्यवेक्षक बंधु तिर्की, प्रदेश महासचिव अजयनाथ शाहदेव, झारखंड आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय लाल पासवान भी हैं. गुमला में पर्यवेक्षकों के पहुंचते कांग्रेस का जिलाध्यक्ष कैसा हो, इस पर फीडबैक लेने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. सर्किट हाउस गुमला में बैठक हुई. डॉ रघु शर्मा ने सिविल सोसाइटी, एनजीओ और सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित किया. बैठक में जिले के अनेक वरिष्ठ नेता, समाजसेवी और कांग्रेस पदाधिकारी शामिल हुए. पर्यवेक्षक का यह आगमन जिलाध्यक्ष के चुनाव को लेकर फीडबैक लेकर आलाकमान को अवगत कराना है.सभी 12 प्रखंडों का भ्रमण करेंगे पर्यवेक्षक
छह सितंबर को सर्किट हाउस गुमला में जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक होगी. इसमें जिला कांग्रेस के पदाधिकारी, ब्लॉक अध्यक्ष, सांसद व विधायक प्रत्याशी, वरिष्ठ कांग्रेसजन और अग्रिम संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे. इसके बाद प्रखंड पर्यवेक्षकों व मंडल अध्यक्षों की बैठक, विभाग एवं प्रकोष्ठ अध्यक्षों की बैठक और प्रेसवार्ता का आयोजन किया जायेगा. गुमला प्रखंड कांग्रेस कमेटी की भी बैठक होगी. वहीं प्रखंडवार कार्यक्रम के अनुसार सात सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजे कामडारा के हरिजन भवन व अपराह्न दो बजे बसिया के महिला प्रशिक्षण भवन में बैठक होंगी. दोनों स्थानों पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, पंचायत प्रतिनिधि और वरिष्ठ कांग्रेसी मौजूद रहेंगे. आठ सितंबर को डुमरी पंचायत भवन में सुबह 11 बजे बैठक होगी. दोपहर एक बजे चैनपुर ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय और अपराह्न तीन बजे जारी के सांस्कृतिक भवन में बैठक होगी. नौ सितंबर को सुबह 11 बजे बिशुनपुर व अपराह्न एक बजे घाघरा के झखरा कुंबा सामुदायिक भवन में प्रखंड स्तरीय बैठक आयोजित की गयी है. 10 सितंबर को सिसई में सुबह 11 बजे और भरनो प्रखंड के युवराज नगर कुम्हरों में दोपहर एक बजे बैठकें होंगी. 11 सितंबर को रायडीह में पूर्वाह्न 11 बजे तथा पालकोट में अपराह्न 1.00 बजे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक होगी. मीडिया चेयरमैन सह प्रवक्ता आरिफ हुसैन अख्तर ने बताया कि इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य संगठन को गांव-गांव तक सशक्त बनाना और कार्यकर्ताओं को एकजुट करना है. उन्होंने कहा कि डॉ रघु शर्मा का यह दौरा गुमला जिले की राजनीति के लिए मील का पत्थर साबित होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

