रांची : मध्य प्रदेश से अपने गृह जिला गुमला पहुंची एक युवती ने क्वारेंटाइन सेंटर में नहीं जाने के लिए परिवारवालों के साथ मिल कर हंगामा किया. मजबूर होकर सिविल सर्जन ने थाना प्रभारी को पत्र लिख कर युवती को क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचाने का अनुरोध किया. इसकी सूचना उपायुक्त को भी दी गयी. राज्य में किसी को क्वारेंटाइन सेंटर भेजने के लिए बल प्रयोग करने का यह पहला मामला है. जानकारी के अनुसार, पहले इस युवती के पारिवारिक सदस्य उसे भोपाल से वापस लाने के लिए परेशान थे.
राज्य के शीर्ष अधिकारियों को फोन कर अपनी बेटी को किसी तरह वापस बुलाने की गुहार लगायी. जिला प्रशासन युवती को पहले भोपाल से रायपुर फिर रायपुर से गुमला लेकर आया. युवती पहले तो बस से यात्रा करने के लिए तैयार नहीं थी. वह स्कॉर्पियो की मांग कर रही थी. किसी तरह उसे बस से लाया गया. गुमला पहुंचने पर उसकी जांच की गयी. कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया.
रेड जोन से आने की वजह से डॉक्टरों ने उसे सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर भेजने का फैसला किया. इसके बाद युवती व उसके परिवार विरोध करने लगे. अधिकारियों ने उसे कोविड-19 में केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश की जानकारी दी. बदले वे मौलिक अधिकारों की बात करने लगे. इसके बाद सिविल सर्जन ने पुलिस को पत्र लिखा. उपायुक्त को मामले की जानकारी दी, तब जाकर महिला पुलिस के सहारे युवती को सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचाया गया.