गुमला डीडीसी एक्शन में : मनरेगा वेंडरों से वित्तीय वर्ष 2023-24 व 2024-25 का बकाया रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी की वसूली के लिए सभी बीडीओ को पत्र लिखा
गुमला जिलांतर्गत विभिन्न प्रखंड कार्यालयों में मनरेगा में निबंधित आपूर्तिकर्ताओं (वेंडरों) से वित्तीय वर्ष 2023-24 व 2024-25 का बकाया रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी की राशि की वसूली के लिए उप विकास आयुक्त सह अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा कोषांग) गुमला द्वारा कड़ा रूख अपनाते हुए सख्त आदेश जारी किया गया है. उप विकास आयुक्त ने वेंडरों से बकाया राशि की वसूली के लिए बुधवार को जिले के सभी प्रखंडों (भरनो को छोड़कर) के बीडीओ के लिए पत्र जारी किया है. जिसमें बीडीओ को एक सप्ताह के अंदर वेंडरों बकाया राशि की वसूली कर प्रतिवेदन अद्योहस्ताक्षरी कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया गया है. 13 अगस्त तक वेंडरों से हर हाल में बकाया राशि की वसूली कर ली जानी है. उक्त निर्धारित अवधि तक वेंडरों से बकाया राशि की वसूली कर प्रतिवेदन अद्योहस्ताक्षरी कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराने वाले संबंधित प्रखंड के बीडीओ का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया जायेगा. ज्ञात हो कि जिलांतर्गत सभी प्रखंडों में मनरेगा में निबंधित वेंडरों द्वारा मनरेगा की योजनाओं में बालू, चिप्स, ईट, बोल्डर व मोरम की आपूर्ति की गयी है. जिसके एवज में वेंडरों को राशि का भुगतान भी किया गया है. अब वेंडरों को उक्त भुगतान की गयी राशि का नियमानुसार रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी जमा किया जाना है. लेकिन वेंडरों द्वारा बकाया राशि को जमा नहीं किया जा रहा है. उक्त बकाया राशि को वेंडरों से वसूली करने के लिए उप विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा सभी प्रखंडों के बीडीओ के नाम पत्र भी जारी किया गया है. लेकिन बीडीओ द्वारा भी वेंडरों से बकाया राशि की वसूली में खास रुचि नहीं ली जा रही है. जिसके बाद उप विकास आयुक्त ने पुन: सभी बीडीओ को पत्र जारी कर वेंडरों से बकाया राशि की वसूली कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. पत्र में उल्लेखित है कि वेंडरों के पास बकाया रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी की जांच लेखा प्रशासन एवं स्वनियोजन डीआरडीएस गुमला की अध्यक्षता में गठित जांच दल के द्वारा कराया गया है. सभी बीडीओ को पत्र जारी कर वेंडरों से बकाया राशि की वसूली कर प्रतिवेदन की मांग की गयी थी. परंतु प्रतिवेदन अब तक अप्राप्त है जो अत्यंत खेदजनक है. वेंडरों से बकाया राशि की वसूली नहीं होने से सरकार के राजस्व की हानि हो रही है.
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