: अभी गुमला शहर में ललित उरांव बस पड़ाव है. जहां से रांची, सिमडेगा व जशपुर रुट की बसें छूटती है. : ललित उरांव बस पड़ाव से लोहरदगा रूट के लिए पहले ही दुंदुरिया में नया बस पड़ाव बन गया है. : करमडीपा में जियाडा की 2.62 एकड़ जमीन है. जहां बस पड़ाव बनाने के लिए प्रशासन ने प्रस्ताव बनाकर भेजा है. 27 गुम 21 में जियाडा का भवन, जिसे तोड़कर बस पड़ाव बनाने की योजना है दुर्जय पासवान, गुमला गुमला शहर से ललित उरांव बस पड़ाव हटाने की योजना है. नया बस पड़ाव शहर से दो किमी दूर करमडीपा जियाडा भवन के समीप बनेगा. जियाडा (झारखंड औद्योगिक क्षेत्र प्राधिकरण) का दो एकड़ 62 डिसमिल जमीन है. गुमला प्रशासन ने जियाडा को पत्र लिखकर उक्त भूखंड को बस पड़ाव बनाने के लिए एलओसी देने की मांग की है. जैसे ही जियाडा द्वारा एनओसी दी जायेगी. यहां बस पड़ाव बनाने का काम शुरू हो जायेगा. एक अधिकारी ने बताया कि जबतक एनओसी नहीं मिलता है. तबतक बस पड़ाव गुमला शहर में ही संचालित होगा और पहले की तरह की शहर से बसें छूटेगी. अभी गुमला शहर में ललित उरांव बस पड़ाव है. जहां से रांची, सिमडेगा व जशपुर रूट की बसें छूटती है. यहां से प्रतिदिन 200 से अधिक बसें छूटती है और बंगाल, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ राज्य जाती है. बनारस के लिए भी बस चलने लगी है. वहीं ललित उरांव बस पड़ाव से लोहरदगा रूट के लिए पहले ही दुंदुरिया में नया बस पड़ाव बन गया है. अब प्रशासन की नजर रांची, सिमडेगा व जशपुर जिला की रूट के लिए नया बस पड़ाव बनाने की योजना है. ऐसे में, दूसरे जगह जमीन की तलाश होगी प्रशासन के अनुसार अगर जियाडा द्वारा एनओसी नहीं दिया जाता है, तो ऐसी स्थिति में किसी दूसरे जगह जमीन की तलाश की जायेगी. जहां रांची, सिमडेगा व जशपुर रूट के लिए नया बस पड़ाव बनाया जा सके. प्रशासन ने तर्क दिया है कि गुमला शहर को सुंदर बनाने, शहर के विस्तार, रोजगार को बढ़ाना देने व शहर को जाम मुक्त बनाने के मकसद से शहर से बस पड़ाव बनाने की योजना तैयार की गयी है. जियाडा ने 40 साल पहले बनवाया है भवन जियाडा की जमीन रांची गुमला मार्ग पर करमडीपा के समीप है. यह शहर से दो किमी दूर है. यहां जियाडा की अच्छी खासी जमीन है. सीओ हरीश कुमार के अनुसार 2.62 डिसमिल जमीन जियाडा की है. जमीन की मापी भी करा ली गयी है. साथ ही जमीन की चौहदी भी उपलब्ध करा दिया गया है. बस पड़ाव बनाने के लिए 2.62 एकड़ जमीन काफी है. यहां एक साथ 200 से अधिक बसें खड़ी हो सकती है. बस पड़ाव बनेगा, तो जियाडा का भवन टूटेगा जियाडा की जमीन पर पक्का भवन बना है. लेकिन यह काफी पुराना है. भवन जर्जर भी हो गया है. यहां एक दर्जन लोगों का निवास है. यहां ऐसे लोग रहते हैं. जिनका अपना घर नहीं है या तो फिर कहीं से आकर यहां बस गये हैं. जियाडा की जमीन पर काजू का पेड़ भी है. परंतु, अब सभी पेड़ बेकार है. काजू नहीं फलता है. बस पड़ाव बनाने के जियाडा के सभी भवनों को ध्वस्त किया जायेगा. जियाडा की जमीन की मापी करा ली गयी है. साथ ही यहां बस पड़ाव बनाने के लिए प्रशासन द्वारा प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है. जिससे ही जमीन मिलती है. यहां बस पड़ाव बनाने का काम शुरू हो जायेगा. हरीश कुमार, सीओ, गुमला
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