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गरमी बढ़ते ही जूस की मांग बढ़ी
गरमी बढ़ने से हर उम्र के लोग हलकान हैं. दो दिन में तीन डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ गया है. गरमी के कारण पेयजल पदार्थों की मांग बढ़ गयी है. गुमला : गरमी से हर उम्र के लोग हलकान हैं. हर दिन तापमान बढ़ रहा है. एक अप्रैल को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस था. पांच […]
गरमी बढ़ने से हर उम्र के लोग हलकान हैं. दो दिन में तीन डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ गया है. गरमी के कारण पेयजल पदार्थों की मांग बढ़ गयी है.
गुमला : गरमी से हर उम्र के लोग हलकान हैं. हर दिन तापमान बढ़ रहा है. एक अप्रैल को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस था. पांच अप्रैल को तीन डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ गया. अभी 40 डिग्री सेल्सियस तापमान हो गया है. कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला के वैज्ञानिकों की माने तो अभी और गरमी बढ़ेगी. इससे सेहत पर असर पड़ेगा.
इधर, गरमी बढ़ने के साथ पेयजल पदार्थों की मांग बढ़ गयी है. गुमला में 20 रुपये प्रति ग्लास बिकने वाला मौसमी जूस का दाम गरमी के कारण अब 30 रुपये प्रति ग्लास हो गया है. तरबूज का दाम भी बढ़ गया है. 12 से 15 रुपये किलो बिकने वाला तरबूज अब 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. गुमला में कई स्थानों पर जूस की दुकान लग गयी है. सबसे अधिक मांग तरबूज, मौसमी जूस, केतारी जूस व आम के जूस की है.
लाइफ लाइन नदियां सूखीं
गुमला. जिले की लाइफ लाइन नदी दक्षिणी कोयल, शंख, लावा, बासा, कांजी, मरदा, पारस, खटवा सूख गयी है. जिले में दर्जनों जलाशय हैं, जो गरमी के दस्तक के साथ सूख रहे हैं. इनमें अपरशंख जलाशय, तेलगांव, पारस, नरमा, इटकी, मसरिया, रकमससेरा, कतरी, पालकोट डैम सूखने के कगार पर है. जलाशय व नदियां सूखने से पशु व पक्षियों को पानी के लिए भटकते देखा जा रहा है.
मौसमी फलों के दाम बढ़े
पालकोट रोड के जूस विक्रेता जग्गू साव ने कहा कि मौसम बदलने से फलों के दाम भी बढ़ गये हैं. इसके कारण जूस के दाम भी बढ़े हैं. जैसे -जैसे गरमी बढ़ रही है, जूस की मांग बढ़ती जा रही है. एक दिन में 100 से अधिक ग्लास जूस बेच लेते हैं.
डॉक्टर की सलाह
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कृष्णा प्रसाद ने कहा कि अभी मौसम बदल रहा है. तेज गरमी है. ऐसे में डायरिया, पेचिस, मलेरिया व डेंगू बीमारी होती है. इससे बचने का सहज उपाय है. ताजा भोजन करें. फल का रस पीये. गर्म ताजा बना खाना खाये. पानी की शुद्धता पर ध्यान दें. घर के आसपास गंदा पानी का ठहराव होने न दें. गरमी में जब बाहर निकलते हैं, तो सिर को तौलिया व गमच्छा से ढक लें. या छाता लें.
अभिभावकों ने मॉर्निंग स्कूल करने की मांग की
गुमला : गरमी को देखते हुए सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों को मोर्निंग करने की मांग अभिभावकों ने की है. वार्षिक रिजल्ट बांटने के बाद अभी सभी स्कूल साढ़े नौ से डेढ़ बजे तक चल रहा है. ऐसे में बच्चों को गरमी से परेशानी हो रही है. सबसे बड़ी बात कि अधिकांश स्कूलों में पंखा की व्यवस्था नहीं है. इससे क्लास रूम में बच्चों को पसीना पसीना होना पड़ रहा है.
मई व जून में क्या होगा!
गुमला : जैसे जैसे गरमी बढ़ रही है, जल संकट गहराते जा रहा है. गहराते जल संकट के साथ गुमला की जनता भी हलकान है. अप्रैल माह के आगाज में यह हाल है, तो मई व जून माह में क्या होगा. गुमला की लाइफ लाइन कहे जाने वाली नदियां सूख चुकी है. करोड़ों रुपये से बने जलाशयों का भी बुरा हाल है. कई जलाशय में तो हल्का पानी है, तो कई पूरी तरह सूखने के कगार पर है. मनरेगा व विभिन्न योजनाओं से बने चेकडैम व तालाब में बूंद भर पानी नहीं है.
और गरमी बढ़ेगी
कृषि विज्ञान केंद्र, विकास भारती बिशुनपुर के वैज्ञानिक अटल बिहारी तिवारी ने कहा कि गुमला में गरमी धीरे धीरे बढ़ रही है. अगर पांच दिन की रिपोर्ट देखें, तो तापमान एक से तीन डिग्री सेल्सियस हर रोज बढ़ रहा है. अभी दो दिन से अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस है. अभी और गरमी बढ़ने की उम्मीद है.
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