लीड ::4::: कार्तिक उरांव के सपने को मिल कर साकार करें : प्रो भूषण गुरु पूर्णिमा पर पुग्गू में गुरु पूर्णिमोत्सव मेला का आयोजनखोड़हा दलों का पारंपरिक नृत्य मुख्य आकर्षण का केंद्र है 25 गुम 27 में मंच पर भूषण, तेजपाल, सिरिल व अन्य लोग25 गुम 28 में पारंपरिक वेशभूषाा में महिला व पुरुष25 गुम 29 में मांदर की थाप पर नृत्य करतीं महिलाएं25 गुम 30 में मेला में कई मंडियों ने कार्यक्रम पेश कियाप्रतिनिधि, गुमलागुरु पूर्णिमा के अवसर पर पुग्गू पंचायत गुमला के तत्वावधान में बुधवार को पुगू मैदान में गुरु पूर्णिमोत्सव मेला का आयोजन किया गया. मेला में विभिन्न गांवों व टोला-मुहल्ला से शामिल खोड़हा दलों का पारंपरिक नृत्य मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा. वीर बुधु भगत चौक ढौंठाटोली, दाऊद नगर, पुगू बड़काटोली, बरिसा डैमटोली, बरिसा नीमटोली, खोरा, कठियाटोली, बांकिर खास, खोपाटोली, धोधरा, महिला मंडल सरनाटोली, असनी, बंगरू, प्रतापपुर, लिटियाटोली, मुरगू, गढ़टोली सहित विभिन्न स्थानों शामिल होनेवाले सभी खोड़हा दलों को पुरस्कृत किया गया. मेला का उदघाटन स्व कार्तिक उरांव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पार्चन कर किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि केओ कॉलेज गुमला के सेवानिवृत्त प्रो भूषण महतो ने कहा कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रतिवर्ष यहां आयोजित होनेवाला गुरु पूर्णिमोत्सव मेला हमारे पूर्वजों की देन है. मेले में विभिन्न गांवों और टोलों-मुहल्लों के लोग शामिल होते हैं. इससे सामाजिक समरसता बढ़ती है. लोगों में जान-पहचान और आपसी समन्वय बढ़ता है. मेला के माध्यम से हम अपने बच्चों को अपनी आदिवासी संस्कृति व परंपरा से अवगत कराते हैं. प्रो महतो ने कार्तिक उरांव की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्व उरांव आदिवासियों की मसीहा थे. उन्होंने आदिवासियों के विकास और उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. लेकिन वर्तमान समय में उनका सपना अधूरा है. आदिवासियों आज भी अपने मूलभूत हक व अधिकार से दूर हैं. जिसमें हम एकजूटता के बल पर ही प्राप्त कर सकते हैं. हमें कार्तिक उरांव के सपने को साकार करने के लिए एकजूट होने की जरूरत है. बुधु टोप्पो ने कहा कि वर्षों पूर्व यहां मेले की शुरूआत हुई थी. उस समय यह मेला क्षेत्र में अघन जतरा के नाम से प्रसिद्ध था. जिसे गांव के ही कुछ प्रबुद्धजनों के सहयोग से लगाया जाता था. गांव के बड़े-बुजूर्गों के चले जाने के बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए जतरा लगता था. धीरे-धीरे समय गुजरा और वर्ष 1985-86 में मेले के आयोजन की जिम्मेवारी गांव के ग्रामीणों को दे दी गयी. अब गांव में प्रतिवर्ष गुरु पूर्णिमा के अवसर पर वृहद रूप से गुरु पूर्णिमोत्सव मेला लग रहा है. जो इस क्षेत्र के विकास का परिचायक है. इससे पूर्व जोगना पहान ने विधिवत रूप से पूजा संपन्न करायी गयी.प्रतिनिधियों को सम्मानित कियात्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित पंसस सरोज बाखला, वार्ड सदस्य राजमैत उरांव, सुमति उरांव, बुधराम उरांव, सरहुली तिर्की, प्रेम कांति बाड़ा, विदयानी लकड़ा, सीता तिर्की, फूलमनी उरांव आदि को फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख लोगइस अवसर पर सिरिल टोप्पो, तेजपाल उरांव, सेवानिवृत्त शिक्षक तेजपाल राम मोची, बसंत गोप, विनय उरांव, लक्ष्मण गोप, विनोद मिंज, रेजिना तिर्की, सुनील उरांव, बुधू टोप्पो, मणी टोप्पो, जीतेंद्र उरांव सहित कई लोग उपस्थित थे.
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