जी4…पहले पैदल घूमते थे, अब बाइक का जमाना है यादों में24 गुम 16 में माधो भगतप्रतिनिधि, बसिया(गुमला).बसिया के पूर्व सरपंच माधो भगत हैं. उम्र 70 साल है. अपने जमाने के समय हुए पंचायत चुनाव व अब के चुनाव पर उन्होंने कहा कि- जमीन-आसमान का अंतर है. जब मैं चुनाव लड़ा था. तो गांव के लोगों व दोस्तों ने मुझे चुनाव में खड़ा किया था. कोई खर्च नहीं. बिना पैसे के चुनाव जीता. सिर्फ नामांकन करने में जो खर्च आया था. पैदल घर घर जाकर वोट मांगते थे. लेकिन अब काफी बदलाव हुआ है. अब लाखों रुपये सिर्फ चुनाव में खर्च हो जाते हैं. वोट प्राप्त करने के लिए छल प्रपंच व हड़िया- दारू का सहारा लिया जाता है. लेकिन पहले प्रेम भाव से ही वोट मिल जाता था. सरपंच का काम न्याय करना था. पर अब अगर कुछ भी होता है, तो विवाद सुलटाने की बजाय और बढ़ा दिया जाता है. विकास के काम सभी की एकमत सोच से होता था. कोई आपदा पड़ने पर सरकार की स्तर से तुरंत राहत कार्य शुरू होता था. लेकिन अब ऐसा नहीं रहा. यहां चंद लोग मिल कर कमीशन खाने के लिए विकास की योजना बनाते हैं. अब कोई भी काम बिना कमीशन के नहीं होता है. जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने में भी गरीब जनता से पैसा लिया जाता है. उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ लोग ईमानदार हैं. जनता स्वयं विवेक से प्रतिनिधि का चुनाव करें. तभी सही मायने में क्षेत्र का विकास होगा.
जी4…पहले पैदल घूमते थे, अब बाइक का जमाना है
जी4…पहले पैदल घूमते थे, अब बाइक का जमाना है यादों में24 गुम 16 में माधो भगतप्रतिनिधि, बसिया(गुमला).बसिया के पूर्व सरपंच माधो भगत हैं. उम्र 70 साल है. अपने जमाने के समय हुए पंचायत चुनाव व अब के चुनाव पर उन्होंने कहा कि- जमीन-आसमान का अंतर है. जब मैं चुनाव लड़ा था. तो गांव के लोगों […]
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