घाघरा : प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय घाघरा की 231 छात्राएं संसाधन के अभावों के बीच अध्ययन करने को विवश हैं. विद्यालय में वर्ग छह से दशम तक की पढ़ाई होती है. विद्यालय में आवश्यक शिक्षा संसाधन के अलावा फर्नीचर तथा गणित, अंगरेजी व विज्ञान विषय के शिक्षकों की कमी है.
प्रधानाध्यापिका मोनिका तिर्की सहित दो सरकारी व दो निजी शिक्षिकाओं के भरोसे छात्राओं को पठन–पाठन कराया जा रहा है. विद्यालय की स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी. यह विद्यालय घाघरा मध्य विद्यालय के परिसर में बनायी गयी. उस समय विद्यालय में प्रात:कालीन पढ़ाई की व्यवस्था की गयी थी.
विद्यालय में छात्राओं को बैठने के लिए 1995 में बिशुनपुर विस के पूर्व विधायक भूखला भगत द्वारा 10 बेंच भी उपलब्ध कराया गया था. इसके बाद बालिका उच्च शिक्षा के मद्देनजर 1997 में दो मंजिला भवन में आठ कमरों का एक भवन बनाया गया. जिसमें वर्तमान में विद्यालय संचालित हो रहा है.
संसाधन व शिक्षकों की कमी के कारण छात्राएं सही पढ़ाई नहीं कर पा रही हैं. प्रधानाध्यापिका मोनिका तिर्की कहती हैं कि शिक्षा अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों का ध्यान विद्यालय की समस्या पर कई बार आकृष्ट कराया गया. सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला. विद्यालय में सीमित संसाधन के बीच छात्राओं को अध्ययन कराया जा रहा है.