गुमला : बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मां का दूध सर्वोत्तम आहार है. हालांकि जागरूकता की कमी के कारण व फैशन के इस दौर में मां अपने बच्चों को काफी समय तक अपना दूध नहीं दे पाती हैं.
जिस कारण बच्चों को सही पोषण नहीं मिल पाता है. इससे बच्चे विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाते हैं. इसलिए प्रत्येक मां को अपने–अपने बच्चों को जन्म से छह माह तक सिर्फ अपना ही दूध पीलाना चाहिए. मां में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही एक अगस्त से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान दिवस मनाया जाता है.
उक्त बातें सीडीपीओ उमा सिन्हा ने बुधवार को गुमला सदर प्रखंड स्थित टीपीसी भवन में आयोजित आंगनबाड़ी सेविकाओं की बैठक में कही. सीडीपीओ ने कहा कि विश्व स्तनपान सप्ताह में आंगनबाड़ी केंद्र में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है. साथ ही गांव स्तर पर गर्भवती माताओं का केंद्र पर गोदभराई का रस्म किया जायेगा. सेविकाएं इसे अपना कर्त्तव्य समझते हुए कार्य करें.
विमला सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी की कार्यशैली पर प्राय: सवाल उठाया जाता रहा है. केंद्र में बच्चों को सिर्फ खिचड़ी नहीं देना है, बल्कि पूर्व शिक्षा भी देने हैं. सेविका बहनें केंद्र में पोषाहार बनाते समय साफ–सफाई का विशेष ध्यान रखें. केंद्र में पंजीकृत बच्चों की उपस्थिति अनिवार्य हो. इसका भी ध्यान रखें.
केंद्र खोलने व बंद करने के समय पर ध्यान रखें. समय पर केंद्र खोलें और समय पर बंद करें. इस अवसर पर आशा कुमार, बेरथा कुजूर, तारा देवी, शांति देवी मुख्य रूप से उपस्थित थे.