गुमला : गुमला की तीन किशोरियों को उनके परिजनों ने रुपये के लिए दिल्ली की एक प्लेसमेंट एजेंसी को बेच दिया था. यह खुलासा उन तीन किशोरियों ने किया है, जिन्हें एक वर्ष पहले दिल्ली ले जा कर बेचा गया था.
जिला बाल कल्याण समिति तीनों किशोरियों को लेकर गुमला पहुंची. तीन किशोरियों ने परिजनों के साथ रहने से इनकार कर दिया. इसके बाद समिति ने निर्णय लिया कि सभी किशोरियों का नामांकन कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में कराया जायेगा.
भरनो थाना के जीरूल निवासी तेंबू उरांव की पुत्री सुषमा कुमारी, अताकोरा गांव के जोगी उरांव की पुत्री प्रमिला कुमारी व डुमरी थाना क्षेत्र के हिसरी गांव निवासी अदरू टोप्पो की पुत्री सुनीता टोप्पो उर्फ आरती को उनके ही परिजनों ने वर्ष 2012 में काम दिलाने के बहाने दिल्ली ले जाकर एक प्लेसमेंट कंपनी को बेच दिया था. सुषमा कुमारी ने बताया कि उसका भाई बलदेव उरांव उसे काम दिलाने के लिए दिल्ली ले गया था, जहां उसे एक दिल्ली के एक प्लेसमेंट कंपनी को सौंप दिया.
वहां उसे बहुत प्रताड़ित किया जाता था. एक दिन वह मौका देखकर वहां से भाग निकली और थाना पहुंची. पुलिस ने सुषमा को भारतीय किसान संघ बिजुपाडा को सौंप दिया. इसी तरह प्रमिला कुमारी व सुनीता टोप्पो भी दिल्ली में लगातार एक वर्ष तक काम करने के बाद भाग निकली और थाना पहुंची. थाना के माध्यम से भारतीय किसान संघ बिजुपाडा पहुंची.
बच्चियों ने बताया कि दिल्ली में एक वर्ष तक काम करने के बाद भी मजदूरी नहीं मिली. उनके अपने परिजनों ने ही उन्हें दिल्ली ले जाकर बेच दिया था.
इधर गुमला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष शंभु सिंह ने बताया कि इसी सप्ताह में तीनों किशोरियों को गुमला लाया गया. बच्चियां परिजनों के साथ रहने को तैयार नहीं है. इसलिए सभी बच्चियों का नामांकन कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में कराया जायेगा.