गुमला : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में बुधवार को सदर प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित टीपीसी भवन में चलंत लोक अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया.
अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी प्रफुल कुमार ने कहा कि हमारे समाज में बहुत सी कुरीतियां फैली हुई है. जिससे सुरक्षा के लिए नये-नये कानून बनाये गये हैं. उन्हीं कानूनों का लाभ लोगों को देने का प्रयास किया जा रहा है. श्री कुमार ने बताया कि बाल विवाह के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 बनाया गया है.
जिसके तहत बाल विवाह कराने वाले या उकसाने वाले को दो वर्ष की सजा और जुर्माना भी हो सकता है. वहीं महिलाओं पर अत्याचार को रोकने के लिए घरेलू हिंसा से महिलाओं को सुरक्षा के लिए अधिनियम 2005 में बनाया गया है. प्राधिकार के जिला सचिव उमेशानंद मिश्र ने बताया कि चलंत लोक अदालत के द्वारा प्रखंडों, शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों की समस्याओं को मध्यस्थता के आधार पर निष्पादन करने का काम किया जा रहा है.
गुमला जिला के 17 पंचायतों में लीगल एड क्लिनिक खोला गया है. साथ ही प्रत्येक स्थानों पर एक-एक पारा लीगल वोलंटियर नियुक्त किया गया है. अधिवक्ता बुंदेश्वर गोप व अधिवक्ता राघव सिंह ने देह व्यापार व अपहरण के लिए ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक्ट बनाया गया है.
इसके अलावा डायशी, मोटर वाहन दुर्घटना से मिलने वाली सहायता के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. इस अवसर पर सीओ सह प्रभारी बीडीओ अलका कुमारी, बीपीओ कुमारी गीता, प्रमुख मंजूलता बड़ाइक, अधिवक्ता डीएन ओहदार, अधिवक्ता बालेश्वर साहू मुख्य रूप से उपस्थित थे.