दुर्जय पासवान, गुमला
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव घटना की सूचना पर सिसई पहुंचे. वे पहले अस्पताल गये और मृतक के परिजनों व ग्रामीणों से बात कर घटना की जानकारी ली. मौके पर प्रभात खबर के प्रतिनिधि से बात करते हुए डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि बघनी गांव में घटित घटना की न्यायिक जांच हो. मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाये. जो घायल हैं. उनकी इलाज की व्यवस्था हो.
उन्होंने कहा कि यह प्रजातंत्र है. पुलिस का शासन नहीं. पुलिस का काम प्रजातंत्र की रक्षा करना है. न कि उसे नुकसान पहुंचाना. श्री उरांव ने कहा कि पहले बूथ लूटने की घटना होती थी. बूथ लूटकर भागने वालों पर पुलिस गोली चलाती थी. परंतु चुनाव के इतिहास में यह पहली घटना है. जब मतदाताओं पर पुलिस ने फायरिंग की है. जिस प्रकार की घटना घटी है. मुझे लगता है कि सरकार ने ही पुलिस को सीखाकर इस प्रकार भेजा था. तभी तो बिना मतलब के गोलीबारी की गयी है. पुलिस की गोली से मतदाता मरा है. यह भी इतिहास बन गया.
दोषियों पर कार्रवाई हो : समीर उरांव
बघनी में हुई घटना की जानकारी मिलने के बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद समीर उरांव रेफरल अस्पताल सिसई पहुंचे. उन्होंने घटना की जानकारी लेने के बाद पत्रकारों से खेद प्रकट करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से मतदान को बाधित करने के लिए साजिश के तहत गड़बड़ी असामाजिक लोगों के द्वारा की गयी है. मैं चुनाव आयोग से इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग करता हूं. इधर पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, झामुमो प्रत्याशी जिग्गा सुसारन होरो, झामुमो के गुमला प्रत्याशी भूषण तिर्की सहित कई बड़े नेता गांव व अस्पताल पहुंचकर गांव के लोगों से मिले. उनसे बात की.
अंजुमन के लोगों ने कहा
सिसई के सदर अब्दुल रउ, समाज सेवी बैबुल अंसारी, मो महमूद अली, मो नासीर, कलाम सरवर, अताउल ने कहा कि लोकतंत्र में जनता पर हमला निंदनीय है. दोबारा इस प्रकार की घटना न हो. इसका प्रशासन ख्याल रखे. मृतक के परिवार को उचित मुआवजा, घायलों के इलाज की व्यवस्था हो. साथ ही बिना सोचे समझे जिस जवान ने गोली चलायी है. उन सभी के खिलाफ कार्रवाई हो. अंजुमन के लोगों ने युवकों को गोली मारी गयी और बूढ़ों को खदेड़कर पीटा गया है.
मामले की निष्पक्ष जांच हो : भूषण तिर्की
झामुमो के जिला अध्यक्ष सह गुमला विस प्रत्याशी भूषण तिर्की ने कहा कि गांव गया था. लोगों से मिला. घटना निंदनीय है. जिलानी अंसारी की मौत से परिवार टूट गया है. इस पूरे मामले की न्यायिक जांच हो. साथ ही जो भी दोषी है. उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. क्योंकि लोकतंत्र में इस प्रकार की हिंसा ठीक नहीं है. अगर कोई विवाद था तो उसे समझाया जाना चाहिए. इस प्रकार से गोली चलाना गलत है. उन्होंने गुमला प्रशासन से पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है.
जवानों ने 120 से अधिक राउंड गोली चलायी
मृतक जिलानी अंसारी के चाचा मोहम्मद नियामुददीन अंसारी ने कहा कि वह असफाक के साथ वोट करने गये थे. राजकीय उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यसलय बघनी के बूथ नंबर 36 में मतदान कर निकले थे. वैसे ही वहां तैनात जवान ने पूछा कि भाजपा को वोट मारा है कि नहीं. इस पर असफाक ने कहा कि हमें जिसे मारना था. हमने उसे वोट मारा है. इतना सुनते ही जवान भड़क गये. वह असफाक को पकड़कर मारपीट करते हुए पटककर उसकी जांघ में दो गाली मार दी. जिससे माहौल भड़क गया.
हमलोग उसे उठाकर बाहर लाये. इधर, उक्त बूथ में तैनात पांच जवान बूथ की छत पर चढ़ गये. गोली मारने से असफाक के घायल होने की सूचना आग की तरह फैल गयी. जिससे भीड़ जुट गयी. जिसके बाद उपरोक्त पांचों जवानों ने बूथ की छत पर चढ़कर 120 राउंड फायर किया. जिससे दो महिला सहित अन्य दो घायल हो गये.