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विकास भारती के कामों को देखने राष्ट्रपति 29 को आयेंगे बिशुनपुर, आदिम जनजाति बच्चों से भी मिलेंगे

दुर्जय पासवान, गुमला राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 सितंबर को नक्सल ए श्रेणी गुमला जिला के बिशुनपुर प्रखंड आ रहे हैं. वे बिशुनपुर में करीब 30 मिनट रूकेंगे. इन 30 मिनट में ज्ञान निकेतन में रहकर पढ़ने वाले आदिम जनजाति बच्चों से मिलेंगे. उनका हौसला बढ़ायेंगे. तक्षशिला की बनावट देखेंगे. बहुउद्देशीय भवन, कृषि विज्ञान केंद्र सहित […]

दुर्जय पासवान, गुमला

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 सितंबर को नक्सल ए श्रेणी गुमला जिला के बिशुनपुर प्रखंड आ रहे हैं. वे बिशुनपुर में करीब 30 मिनट रूकेंगे. इन 30 मिनट में ज्ञान निकेतन में रहकर पढ़ने वाले आदिम जनजाति बच्चों से मिलेंगे. उनका हौसला बढ़ायेंगे. तक्षशिला की बनावट देखेंगे. बहुउद्देशीय भवन, कृषि विज्ञान केंद्र सहित विकास भारती द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी लेंगे.

राष्ट्रपति के बिशुनपुर आगमन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. बिशुनपुर भाकपा माओवादियों का गढ़ है. इस कारण पुलिस प्रशासन सतर्क है. इस क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चल रहा है. वहीं, सुरक्षा के दृष्टिकोण से हैपीपैड की जगह बदल दी गयी है. जिससे राष्ट्रपति के आने पर सुरक्षा की समस्या उत्पन्न न हो.

वहीं, विकास भारती के हर भवन का रंग-रोगन किया जा रहा है. जहां सड़क खराब है. उसकी मरम्मत की जा रही है. बिशुनपुर प्रखंड मुख्यालय की साफ-सफाई भी की जा रही है. जिससे राष्ट्रपति आये तो उन्हें स्वच्छ माहौल मिले. यहां बता दें कि गुमला जिले की धरती पर पहली बार राष्ट्रपति आ रहे हैं. यह गुमला के लिए सौभाग्य की बात है. चूंकि बिशुनपुर प्रखंड गुमला, लातेहार व लोहरदगा जिला के बॉर्डर पर है. इस कारण इन तीनों जिला के लोगों में उत्साह है.

सभी लोग एक बार राष्ट्रपति को देखने के लिए आतुर हैं. इधर, विकास भारती के सचिव पदमश्री अशोक भगत ने कहा कि राष्ट्रपति के स्वागत व कार्यक्रम की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. वहीं, गुमला डीसी शशि रंजन व एसपी अंजनी कुमार झा राष्ट्रपति के आगमन को लेकर विधि व्यवस्था व सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रहे हैं.

ज्ञान निकेतन में 315 गरीब बच्चे हैं

विकास भारती द्वारा पिछले 22 दिसंबर 1989 से संचालित ज्ञान निकेतन में सुदूरवर्ती क्षेत्र के गरीब, असहाय व अनाथ बच्चे पढ़ रहे हैं. साथ ही स्वरोजगार से संबंधित व्यवसायिक शिक्षा, भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीयता के साथ लोक कला जैसी शिक्षा भी ग्रहण कर रहे हैं. वर्तमान में असुर, बृजिया, कोरवा, उरांव, मुंडा, महली समुदाय के 315 छात्र-छात्राएं ज्ञान निकेतन में हैं. यहां एक से पांच क्लास तक की पढ़ाई होती है. शिक्षा-दीक्षा नि:शुल्क है. ज्ञान निकेतन में मुख्य रूप से सुदूरवर्ती क्षेत्र जहां पर सुविधा नहीं है. वैसे विद्यार्थी जिनके मां बाप नहीं है जो असहाय हैं. वैसे विद्यार्थियों ज्ञान निकेतन में रखा गया है.

राष्ट्रपति का कार्यक्रम इस प्रकार है

राष्ट्रपति 29 सितंबर को 10.15 बजे जतरा टाना भगत विद्या मंदिर के समीप बनाये गये हेलीपैड पर उतरेंगे. जहां से वे तक्षशिला आश्रम पहुंचेंगे. विकास भारती सचिव अशोक भगत, संयुक्त सचिव महेंद्र भगत एवं अन्य अधिकारियों के द्वारा बुके देकर उनका स्वागत किया जायेगा. जिसके उपरांत तक्षशिला आश्रम के अतिथिशाला में कुछ क्षण रुकने के बाद सृजन परिसर पहुंचेंगे.

जहां कृषि विज्ञान केंद्र एवं परंपरागत कल्चर प्रोग्राम सक्षम झारखंड योग प्रधानमंत्री कौशल केंद्र के द्वारा लगाये गये स्टॉल का अवलोकन करते हुए सुक्का बृजिया हॉस्पिटल, व्यायामशाला, बायोगैस, फायर खाद्य प्रसंस्करण इकाई, स्फूर्ति परंपरागत औषधीय वाटिका, गव्यशाला एवं उत्पाद प्रबंधन कारीगर पंचायत मिट्टी जांच प्रयोगशाला, मिनी प्रबंधन इकाई का अवलोकन करते हुए महात्मा गांधी सभागार के समक्ष उपस्थित टाना भक्तों से मिलते हुए ज्ञान निकेतन पहुंचेंगे.

जहां सखी महिला मंडलों द्वारा स्वागत एवं ज्ञान निकेतन परिसर में वृक्षारोपण के बाद ज्ञान निकेतन में अध्ययनरत 315 छात्र-छात्राओं द्वारा की जा रही गतिविधियों से रूबरू होंगे. जिसके उपरांत 10.45 बजे वापसी के लिए हेलीपैड के लिए प्रस्थान करेंगे. जहां से रांची जायेंगे.

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