।। दुर्जय पासवान ।।
गुमला : दुष्कर्म के बाद मासूम की हत्या करने के आरोपी को जज से सजा-ए-मौत की सजा सुनायी है. सजा सुनाने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम लोलार्क दुबे ने कहा कि जहां बालिकाओं को देवी की तरह पूजा जाता है. ऐसी परिस्थितियों में मासूम बच्ची के साथ इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वाले पर दया दिखाना, माफ करना मानवता के खिलाफ होगा.
अभियुक्त समाज व देश के लिए अनुपयोगी है. ऐसे आरोपियों को देश व समाज कभी माफ नहीं करेगा. इसके अलावा जजमेंट को संस्कृत में भी लिखा गया है. जानकारी के अनुसार गुमला जिला के पुसो थाना अंतगर्त कोल्हू टोली निवासी बंधन उरांव ने रिश्ते में मौसी की तीन साल की बेटी को जबरन अपने घर ले जाकर हवस का शिकार बनाया था.
इतना ही नहीं हैवानियत की सारी हदें तार करते हुए आरोपी ने मासूम बच्ची का गर्दन मरोड़ कर मार दिया था. घटना के वक्त पीड़ित परिवार के लोग किसी काम से घर से बाहर गये हुए थे. जिस दौरान बच्ची अपनी सहेली के साथ घर के बाहर खेल रही थी. तभी आरोपी बंधन वहां आ गया और बच्ची को अपने घर ले गया. जहां उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दिया था.
घटना के बाद जब परिजन व ग्रामीण बंधन के घर पहुंचे तो वह पीछे के दरवाजा से भाग निकला था. उस समय गुस्साये ग्रामीण आरोपी को पकड़ने के लिए दौड़ाये थे. लेकिन जंगल का फायदा उठाकर वह भाग गया था. परंतु देर रात को आरोपी अपने घर आया. जिसके बाद ग्रामीणों ने घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया था.
* आरोपी की पत्नी घर पर नहीं थी
मासूम की मौत के बाद परिजन बंधन के घर गये. उसके घर के बेड की जांच की तो बेड में खून लगा हुआ था. परिजनों ने इसकी सूचना गांव के चौकीदार सिलवाहन महली को दी थी. साथ ही घर बुलाकर गांव के कुछ लोगों के साथ आरोपी बंधन को पकड़ने का प्रयास किया. लेकिन बंधन गांव से भाग गया. 10 किमी तक खदेड़कर पकड़ने का प्रयास किया. लेकिन वह अरको जंगल की ओर भाग निकला था. आरोपी बंधन उरांव का विवाह करीब सात माह पहले हुआ था और एक सप्ताह पूर्व उसकी पत्नी करमा पर्व मनाने अपने मायके गयी थी. जो घटना के समय घर पर नहीं थी.
* आरोपी बंधन मृतका की मां को मौसी कहता था
बताते चले की आरोपी बंधन उरांव का घर पीड़िता के घर से दो घर के बगल में है. पड़ोसी होने का फायद उठाते हुए वह मासूम बच्ची को अपने घर ले जाकर इस प्रकार की हैवानियत किया था. आरोपी का मृतका के घर आना जाना लगा रहता था. वह मृतका की मां को मौसी कहता था.
* तीन सदस्यों ने पोस्टमार्टम किया था
घटना के बाद मासूम बच्ची का शव गुमला पोस्टमार्टम में लाया गया. जहां तीन सदस्यीय टीम का गठन कर पोस्टमार्टम किया गया. जिसमें डॉक्टर शिल्पा, डॉक्टर आनंद किशोर उरांव व डॉ प्रेमचंद भगत ने पोस्टमार्टम कर मृतका का बिसरा रांची एसएफएसएस भेजा गया. जहां से रिपोर्ट आने के बाद दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी.
* 13 गवाहों ने साक्ष्य प्रस्तुत किया
इस मामले में कुल 13 गवाहों ने अपनी-अपनी गवाही दी जिसमें चिकित्सक शिल्पा तिग्गा, एतवरी उरांव, पिंकी बड़ाइक, सहदेव उरांव, उत्तम सागर राणा, खुश्बू कुमारी, गुड्डू उरांव, डॉक्टर प्रेमचंद कुमार, डॉक्टर आनंद किशोर उरांव, कुसुम कुमारी, दिनेश्वर भगत, ओमप्रकाश शर्मा, अरूण पांडे ने कोर्ट में गवाही व पुलिस ने साक्ष्य प्रस्तुत किया था.
* आरोपी को किये की सजा मिली : चंपा
सरकारी पक्ष की अपर लोक अभियोजक चंपा कुमारी ने कहा कि इस प्रकार की सजा ऐतिहासिक है. आरोपी को उसके किये की सजा मिली है.
* हाईकोर्ट में अपील करेंगे : राघो सिंह
अधिवक्ता राघो सिंह ने कहा कि आरोपी का पिछला कोई अपराधिक रिकार्ड नहीं है. उसके न्याय के लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे.