गुमला : चैनपुर प्रखंड अंतर्गत कातिंग पंचायत के सेमला बरटोली में आंगनबड़ी सेविका चयन में घूस लेने का मामला उजागर हुआ है. यह मामला प्रकाश में तब आया जब सेविका पद की एक उम्मीदवार दिव्या कुमुदनी मिंज गांव की अन्य महिलाओं के साथ मंगलवार को उक्त शिकायत लेकर गुमला उपायुक्त के पास पहुंची.
निर्मला टोप्पो, फिलिसीता लकड़ा, क्लारा लकड़ा, कार्मेल बाड़ा, बलवती देवी, अनुपा मिंज, वीणा देवी, पिंकी देवी सहित अन्य ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि गांव के आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका चयन के लिए लगभग साढ़े तीन माह पूर्व ग्रामसभा हुआ था. जिसमें सेविका के लिए सर्वसम्मति से दिव्या कुमुदनी मिंज का चयन किया गया. चूंकि दिव्या कुमुदनी मिंज विधवा महिला है और वह अपने काम में दक्ष है इसलिए उसका चयन कर चैनपुर सीडीपीओ को आवेदन देते हुए दिव्या को केंद्र की सेविका बनाने की मांग की गयी. उस समय सीडीपीओ ने ग्रामसभा से पारित प्रस्ताव की कॉपी की मांग करते हुए दिव्या को ही केंद्र का सेविका बनाने का आश्वासन दिया. परंतु, साढ़े तीन माह गुजर जाने के बावजूद दिव्या मिंज को सेविका का प्रभार नहीं दिया गया और सीडीपीओ ने संगीता लकड़ा नाम की महिला को सेविका बनाने का प्रयास किया.
दिव्या मिंज ने बताया कि सीडीपीओ ने संगीता लकड़ा को सेविका बनाने के लिए उससे 50-60 हजार रुपये रिश्वत ली है. इस बात को गांव के प्राय: सभी लोग जानते हैं. इस संबंध में सीडीपीओ से भी बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि मैं अब रिटायर होने वाली हूं. मैं कुछ नहीं कर सकती. इधर, जनता दरबार में मामला आने के बाद जांच के आदेश दिये गये हैं.