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अपने कार्य और कर्मों का मूल्यांकन कर आगे बढ़ें

गुमला : गुमला धर्मप्रांत के 25 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में ख्रीस्त विश्वासियों ने रविवार को जुबली समारोह धूमधाम से मनाया. इस अवसर पर गुमला के संत पात्रिक मैदान में कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ पवित्र मिस्सा पूजा के साथ हुआ. मुख्य अधिष्ठाता रांची महाधर्मप्रांत के आर्च बिशप फेलिक्स टोप्पो ने पवित्र मिस्सा पूजा […]

गुमला : गुमला धर्मप्रांत के 25 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में ख्रीस्त विश्वासियों ने रविवार को जुबली समारोह धूमधाम से मनाया. इस अवसर पर गुमला के संत पात्रिक मैदान में कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ पवित्र मिस्सा पूजा के साथ हुआ. मुख्य अधिष्ठाता रांची महाधर्मप्रांत के आर्च बिशप फेलिक्स टोप्पो ने पवित्र मिस्सा पूजा करायी.
उन्होंने कहा कि आज का दिन ईश्वर को धन्यवाद देने का दिन है. गुमला धर्मप्रांत अब युवा हो चुका है. 25 वर्षों में गुमला धर्मप्रांत ने काफी प्रगति की है. जीवन आगे भी है. इस युवा धर्मप्रांत को अभी और आगे ले जाना है, इसलिए अपने कार्य और कर्मों का मूल्यांकन करें. गलतियों के लिए ईश्वर से क्षमा मांगें और कलीसिया को मजबूती प्रदान करें.
ईश्वर पर विश्वास बनाये रखें. ईश्वर की मध्यस्थता हमें शांति और शक्ति प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि पहले हमारे पूर्वज अज्ञानी थे. अंधकारमय जीवन यापन कर रहे थे, परंतु ईश्वर के सुसमाचार ने उनके जीवन को एक नयी रोशनी दी. ईश्वर दयावान हैं. वे हम सबों पर अपनी दया बरसाते हैं. संत पौलुस ने कहा था कि ईश्वर ने हममें से प्रत्येक को अपना दत्तक पुत्र बनाया है. उन्होंने कहा कि 25 वर्ष पहले जो शांति और खुशहाली थी, वह बदली है. सामाजिक वातावरण में बदलाव हो रहा है.
स्वार्थ और घृणा बढ़ रही है. हमें भविष्य की चिंता सता रही है. संत पौलुस ने कहा था कि अंतिम समय में संकट का काल रहेगा. भक्ति और दया का अभाव रहेगा. संत पौलुस की वे बातें देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि कलीसिया को बदनाम किया जा रहा है. झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है, परंतु हमें ईश्वर पर विश्वास और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति को बरकरार रखना है. संसार के अंत तक ईश्वर हमारे साथ रहेंगे. आध्यात्मिकता और मानवीय विवेक से काम लें. हमारा जीवन और हमारा भविष्य उज्ज्वल रहेगा, इसलिए ईश्वरीय न्याय, प्रेम और शांति को सर्वत्र फैलाते रहें.
एकजुट होंगे, तभी कलीसिया होगा मजबूत : बिशप पौल
गुमला धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष बिशप पौल अलविस लकड़ा ने मिस्सा पूजा में शामिल विभिन्न धर्मप्रांतों के बिशपों व पुरोहितों का परिचय कराते हुए सबों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि हमारा गुमला धर्मप्रांत अब युवा हो चुका है. अब इस युवा धर्मप्रांत को जीवन में आगे ले जाने के लिए बीते हुए दिनों से सीख लेते हुए आगे बढ़ना है. हमारा कलीसिया तभी मजबूत होगा, जब हम एकजुट और मजबूत रहेंगे. बिशप ने कहा कि आज का दिन हम सबों के लिए खुशी के साथ गर्व की भी बात है. ईश्वर हम सबों पर अपनी आशीष बनाये रखे और हमारा कलीसिया फले फूले और आगे बढ़े.
फल फूल रहा है गुमला धर्मप्रांत : सेतकुमार एक्का
धर्मप्रांतीय काथलिक सभा के सभापति सेतकुमार एक्का ने गुमला धर्मप्रांत के इतिहास पर प्रकाश डाला. उन्होेंने बताया कि 28 मई 1993 को तत्कालीन संत पापा जोन पौल द्वितीय ने गुमला को एक नये धर्मप्रांत के रूप में घोषणा की. उस समय पहले बिशप माइकेल मिंज (स्वर्गीय) इस धर्मप्रांत के प्रथम चरवाहा बने. 22 अगस्त 1993 को उनका धर्मप्रांतीय अभिषेक हुआ. उनकी देखरेख में गुमला धर्मप्रांत आगे बढ़ने लगा. इस दौरान यहां नये पारिस, स्कूल, अस्पताल व सामाजिक सेवा केंद्र आदि भी खुले. उनके निधन के बाद गुमला धर्मप्रांत की जिम्मेवारी बिशप पौल अलविस लकड़ा को मिली. अब बिशप पौल लकड़ा के नेतृत्व में गुमला धर्मप्रांत युवा हो चुका और फल फूल रहा है.
धर्मप्रांत के प्रति लोगों का अटूट विश्वास : भूषण
गुमला के पूर्व विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि गुमला धर्मप्रांत अब युवा हो गया है. इस युवा काल का स्वागत पूरे धर्मप्रांत ने उत्साह के साथ किया है. आज खुशी का पल है. हजारों की संख्या में लोग भाग लिये हैं. गुमला धर्मप्रांत के प्रति लोगों का अटूट विश्वास, प्रेम इस भीड़ में दिखता है. हम अपनी एकता को बनाये रखें, ताकि हमारा समाज मजबूत रहे. बिशप, पुरोहित व धर्मबहनें सभी समाज सेवा में लगे हुए हैं. उनकी सेवा को नकारा नहीं जा सकता है.
संरक्षक संत पात्रिक के श्राइन का उद्घाटन
समारोह में आर्च बिशप फेलिक्स टोप्पो व विभिन्न धर्मप्रांतों के बिशपों की उपस्थिति में गुमला धर्मप्रांत के बिशप पौल अलविस लकड़ा ने महागिरिजा परिसर में स्थापित गुमला धर्मप्रांत के संरक्षक संत पात्रिक के श्राइन का उद्घाटन और प्रतिमा का अनावरण किया, जहां आर्च बिशप ने श्राइन को आशीष प्रदान किया. इसके बाद आर्च बिशप सहित अन्य बिशपों ने पवित्र हृदय का प्रतीक कबूतर उड़ाया और गुमला धर्मप्रांत के लिए बनाये गये झंडे को फहराया. इस अवसर पर गुमला पारिस के कोयर दल ने प्रभु के गीत व भजन की प्रस्तुति दी. वहीं बाइबल स्वागत नृत्य दया निकेतन हॉस्टल गुमला एवं चढ़ावा नृत्य उर्सुलाइन स्कूल गुमला, नोट्रेडैम स्कूल गुमला व डोन बॉस्को स्कूल गुमला ने प्रस्तुत किया. संत पात्रिक स्कूल गुमला ने वेदी सेवक की भूमिका निभायी.
रंगारंग कार्यक्रम से ओतप्रोत रहा रजत जयंती समारोह
पवित्र मिस्सा पूजा के बाद संत पात्रिक मैदान में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में गुमला धर्मप्रांत की विभिन्न पल्लियों व छात्रावासों से युवक-युवतियों व महिलाओं ने रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम का आगाज उर्सुलाइन कॉन्वेंट बालिका विद्यालय की छात्राओं के मंगलाचरण नृत्य से हुआ. इसके बाद संत अन्ना स्कूल पुग्गु ने स्वागत गीत, बनारी भिखारियेट ने आधुनिक नृत्य, कोनवीर भिखारियेट ने आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति दी. वहीं उर्सुलाइन कॉन्वेंट, ममरला, कोनवीर नवाटोली, गुमला भिखारियेट, संत इग्नासियुस स्कूल, नवाडीह भिखारियेट, चैनपुर भिखारियेट, मांझाटोली भिखारियेट ने भी कार्यक्रम की प्रस्तुति दी

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