गुमला : गुमला के अपर सत्र न्यायाधीश लोलार्क दुबे की अदालत ने बुधवार को गुमला शहर के चर्चित दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाया. अदालत ने लक्ष्मण नगर निवासी ब्रह्मानंद लोहरा को अपने नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया.
आरोपी ब्रह्मानंद को धारा 376 के तहत सश्रम आजीवन कारावास (शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक) की सजा सुनाया गया है. 25 हजार रुपया का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ सकता है. साथ की पीड़िता को प्रतिकर देने की अनुशंसा की गयी.
सरकारी पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक चंपा कुमारी ने पैरवी की. जानकारी के अनुसार कलयुगी पिता ब्रह्मानंद द्वारा अपनी ही 10 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ कई बाद दुष्कर्म किया व अश्लील वीडियो दिखाता था. घटना को अंजाम देने के बाद पीड़िता को धमकी देते हुए अपनी मां को कुछ नहीं बताने को कहता था.
एक दिन मासूम पीड़िता इस घटना से तंग आकर अपनी मां को घटना की जानकारी दी. इसके बाद पीड़िता की मां ने अपने पति ब्रह्मानंद के खिलाफ गुमला थाना में अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म होने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस संबंध में पीड़िता की मां ने गुमला थाना में 14 जुलाई 2014 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. घटना के समय पीड़िता 10 वर्ष कि थी और पांचवीं कक्षा की छात्रा था.
पीड़िता व उसका परिवार लक्ष्मण नगर में किराये का मकान में रहता था. मां व छोटा भाई जब घर से कहीं जाते थे. इसका फायदा उठा कर ब्रह्मानंद लोहरा अश्लील वीडियो दिखाकर दुष्कर्म करता था. यह सिलसिला घटना से दो माह पहले से चलता आ रहा था. तंग आकर बच्ची ने अपनी मां को घटना की जानकारी दी.
* वासना की आग में पिता बना बहशी
घटना वर्ष 2014 की है. पिता के द्वारा अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद गुमला शहर में आक्रोश था. स्थानीय लोगों ने दुष्कर्मी पिता की जमकर पिटाई किया था. वासना की आग में पिता ने अपनी बेटी तक को नहीं पहचाना.
आरोपी ब्रह्मानंद इस प्रकार का विकृत मानसिक का व्यक्ति था जो अपनी बेटी को अश्लील वीडियो दिखा कर दुष्कर्म किया करता था. बेटी ने हिम्मत जुटा कर घटना की जानकारी अपनी मां को दी जिसके बाद मामले का खुलासा हो पाया.