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आयुष चिकित्सालय का हाल बदहाल

जौली/आरिफ गुमला : सदर अस्पताल परिसर स्थित आयुष चिकित्सालय पद्धति बुनियादी सुविधाओं के अभाव में बेहाल है. केंद्र में चिकित्सकों की कमी व दवाओं के अभाव में निरंतर मरीजों की संख्या घटती जा रही है. आयुष चिकित्सालय में होमियोपैथिक, आयुर्वेदिक व यूनानी पद्धति की ईकाई संचालित है. यूनानी केंद्र में होमियोपैथ में वर्ष 2011 से […]

जौली/आरिफ

गुमला : सदर अस्पताल परिसर स्थित आयुष चिकित्सालय पद्धति बुनियादी सुविधाओं के अभाव में बेहाल है. केंद्र में चिकित्सकों की कमी व दवाओं के अभाव में निरंतर मरीजों की संख्या घटती जा रही है. आयुष चिकित्सालय में होमियोपैथिक, आयुर्वेदिक व यूनानी पद्धति की ईकाई संचालित है. यूनानी केंद्र में होमियोपैथ में वर्ष 2011 से चिकित्सक नहीं हैं. केंद्र के कमरे में हमेशा ताला लटका रहता है.

जबकि होमियो पैथिक केंद्र में जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी बद्रीनाथ महतो स्वयं जितना संभव हो पाता है, मरीजों का इलाज करते हैं. तीनों संचालित इकाई में दवा का घोर अभाव है.

वर्ष 2013-14 में दवा की आपूर्ति नहीं की गयी है. पिछले वित्तीय वर्ष के बचे दवा से काम चल रहा है. दवा की कमी की जानकारी विभाग को दिये जाने के बाद भी विभाग मौन है. बताया जाता है कि आयुष निदेशक शक्तिनाथ झा, प्रभारी निदेशक विनोद आर्या के सेवानिवृत्त होने के बाद से पद खाली है. जिसके कारण दवा प्राप्त नहीं हो रहा है.

चिकित्सालय में संचालित तीनों ईकाइ को मिला कर दो चुतर्थ वर्गीय कर्मी व दो कंपाउंडर का पद वर्षो से रिक्त पड़ा हुआ है. वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्र के आजाद बस्ती में आयुष विभाग द्वारा संचालित यूनानी चिकित्सा केंद्र भी चिकित्सक के अभाव में बंद पड़ा हुआ है. वहीं केंद्र में प्रतिनियुक्त कंपाउंडर बंद होने के बावजूद बिना कार्य किये ही वेतन का उठाव कर रहे हैं. इसके अलावे जिले के सिसई, बिशुनपुर, डुमरी प्रखंडों के साथ टोटो व कटिया पंचायत में अवस्थित केंद्र भी चिकित्सक, कर्मी व दवा के अभाव में बंद पड़े हुए हैं.

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