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पेंशन के लिए भटक रहा है नि:शक्त
गुमला : बिशुनपुर प्रखंड के चिपरी रानीटोली निवासी नि:शक्त दिरबल उरांव फाइवर का पैर लगवाने तथा ट्राइसाइकिल व विकलांगता पेंशन की मांग को लेकर विगत तीन सालों से सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाने को विवश है. दिरबल ट्रक चालक था. वर्ष 2014 के जुलाई माह में ट्रक पर सामान लेकर तामिलनाडु जा रहा था. इसी […]
गुमला : बिशुनपुर प्रखंड के चिपरी रानीटोली निवासी नि:शक्त दिरबल उरांव फाइवर का पैर लगवाने तथा ट्राइसाइकिल व विकलांगता पेंशन की मांग को लेकर विगत तीन सालों से सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाने को विवश है.
दिरबल ट्रक चालक था. वर्ष 2014 के जुलाई माह में ट्रक पर सामान लेकर तामिलनाडु जा रहा था. इसी दौरान मद्रास में दुर्घटना में दिरबल ने अपना दायां पैर गंवा दिया. हादसे में पैर गंवाने के बाद दिरबल ट्रक चलाने लायक नहीं रहा. पैर के साथ दिरबल के रोजी-रोजगार का साधन भी छिन गया. वहीं फाइवर का पैर लगवाने तथा ट्राइसाइकिल व विकलांगता पेंशन की मांग को लेकर कभी उपायुक्त तो कभी बीडीओ बिशुनपुर के कार्यालय का चक्कर लगाने लगा. लेकिन उसकी फरियाद कहीं सुनी नहीं गयी.
जिला व प्रखंड स्तर पर कहीं सुनवाई नहीं होने के बाद दिरबल ने मुख्यमंत्री के आप्त सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव को आवेदन दिया. आवेदन मिलने के बाद आप्त सचिव ने 19 अगस्त 2014 को गुमला उपायुक्त को दिरबल को फाइवर का पैर लगवाने तथा ट्राइसाइकिल व विकलांगता पेंशन देने के लिए पत्राचार किया. लेकिन इस पत्राचार का भी दिरबल को लाभ नहीं मिला.
दिरबाल ने बताया कि दुर्घटना में एक पैर गंवाने के बाद जीवन-यापन में कठिनाई हो रही है. दिरबल ने गुमला उपायुक्त से फाइवर का पैर लगवाने तथा ट्राइसाइकिल व विकलांगता पेंशन देने की गुहार लगायी है.
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