इन आवेदनों की जांच चल रही है. उग्रवादी व नक्सली हिंसा के शिकार लोगों को ही नौकरी मिलेगी. डीसी ने स्पष्ट किया कि बहुत से लोग अापराधिक हिंसा से संबंधित आवेदन दिया है. अापराधिक हिंसा के लोगों के परिवार के सदस्य को नौकरी नहीं मिलेगी. डीसी ने बताया कि गुमला जिले में वर्ष 2000 से अबतक करीब 300 लोगों को नौकरी दी जा चुकी है.
इसमें अनुकंपा व उग्रवादी हिंसा से संबंधित मामले थे. उन्होंने बताया कि गुमला पुलिस विभाग से उग्रवादी व नक्सली हिंसा से संबंधित सूची मांगी गयी है, ताकि उग्रवादी व नक्सली हिंसा के पीड़ित परिवार को चिह्नित कर नौकरी दी जा सके. पुलिस विभाग से सूची मिलने के बाद पहले उसकी जांच करायी जायेगी. मामला सही रहने पर नौकरी देने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. डीसी ने शहीद नायनम कुजूर के गांव के विकास के संबंध में बताया कि उरू बारडीह की सड़क बनेगी. निविदा की प्रक्रिया चल रही है.
जैसे ही निविदा की प्रक्रिया पूरी होगी, सड़क का काम शुरू कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि शहीद के गांव में अभी शौचालय नहीं बना है, बहुत जल्द शौचालय बनाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. संबंधित विभाग को निर्देश दिया गया है कि लाभुकों की सूची लेकर जल्द हर घर में शौचालय बनाये. उरू गांव के विकास पर कहा कि प्रखंड से विकास का काम हो रहा है.