गुमला : झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोइया, संयोजिका, अध्यक्ष संघ के बैनर तले 14 सूत्री मांगों को लेकर जिले की आठ रसोइया व संयोजिकाओं ने मंगलवार से आमरण अनशन शुरू किया. आठ माह का बकाया मानदेय देने, बिना कारण हटायी गयी रसोइया व संयोजिकाओं को पुन: काम पर बहाल करने, निजी विद्यालयों की तरह सरकारी विद्यालयों में भी पठन-पाठन शुरू कराने सहित अन्य मांगों को लेकर कीर्ति तिर्की, पति देवी, शांति केरकेट्टा, सुबावी डांग, विश्वासी एक्का, फौली देवी, सुषमा देवी व सुमित्रा देवी आमरण अनशन पर बैठी हैं.
इसी के साथ अन्य रसोइया व संयोजिकाओं ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है. सभी अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर गुमला के कचहरी परिसर में बैठ गयी हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही संघ की जिलाध्यक्ष देवकी देवी ने कहा कि रसोइया, संयोजिका व अध्यक्ष अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं रही है.
हमारी जो भी मांगे हैं, जायज हैं. अब आंदोलन उग्र रूप धारण कर रहा है. आज से आमरण अनशन और अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया है. जिला सचिव शांति मारगेट बाड़ा ने कहा कि जिले में कई रसोइया व संयोजिकाओं का गत आठ माह का मानदेय बकाया है. हमें पहले से ही काफी कम मानदेय मिल रहा है. आठ-आठ माह का मानदेय नहीं मिलने से परेशानी और बढ़ गयी है. मौके पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत प्रजापति, कोषाध्यक्ष अनिता देवी, मंजरी देवी, सिसिलिया बारला, पुष्पा डांग, अंतोनिया मिंज, सुझल देवी, सुमंती देवी, धरमु देवी, असरिता देवी, सेरीन उर्सुला डुंगडुंग, चंद्रमती देवी व रेशमा मिंज सहित काफी संख्या में रसोइया, संयोजिका व अध्यक्ष उपस्थित थीं.