सरकार के प्रयासों के बावजूद भी छोटे बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराने में समस्या बनी हुई है. छोटे बच्चों के न्यूनतम स्तर पर शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी केंद्र बनाये गये हैं. लेकिन चांदा पंचायत के अंतर्गत सुजान कित्ता आंगनबाड़ी केंद्र पर शुक्रवार को सेविका सोनी देवी अनुपस्थित रहीं, जिससे बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही. केंद्र पर मौजूद सहायिका बबिता देवी और पोषण सखी महिमा कुमारी ने बताया कि सेविका अक्सर कम ही आती हैं. बच्चों ने कहा कि मीनू के मुताबिक खाना नहीं मिलता और लंबे समय से अंडा का वितरण भी नहीं हो पाया है. इस वजह से केंद्र पर बच्चों को आवश्यक पोषण नहीं मिल पा रहा है. सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि केंद्र की स्थिति जर्जर हो चुकी है. न तो पीने के पानी की व्यवस्था है, न बिजली और न ही शौचालय की सुविधा. भोजन की तैयारी के लिए पानी गांव से लाना पड़ता है. सरकारी गाइडलाइन के अनुसार, प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय, बिजली और पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन यह अनुपस्थित है. हालांकि महीने में सेविकाओं की बैठक होती है, फिर भी समस्याएं बनी हुई हैं. बीडीओ विजय कुमार मंडल ने बताया कि यदि सेविका बिना सूचना केंद्र से अनुपस्थित रहती हैं, तो संबंधित अधिकारियों द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. केंद्रीय अधिकारियों और प्रखंड प्रशासन की ओर से इस दिशा में प्रभावी निगरानी की कमी बच्चों की शिक्षा और पोषण को प्रभावित कर रही है.
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