मेहरमा प्रखंड कार्यालय के बगल स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय भवन की जर्जर स्थिति के कारण चिकित्सकों को दैनिक कार्य में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. प्रखंड क्षेत्र में यह एकमात्र पशु चिकित्सालय है, जबकि यहाँ 40 हजार से अधिक पशु पालन किए जा रहे हैं. इनमें लगभग 14 हजार गाय-बैल, 4 हजार भैंस, 23 हजार बकरी और 600 के करीब सुअर शामिल हैं. चिकित्सालय में दो चिकित्सक पद रिक्त हैं और वर्तमान में ठाकुरगंगटी प्रखंड के दिग्घी में पदस्थापित भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बालेश्वर निराला ही प्रभार संभाल रहे हैं. करीब पांच महीनों से यह चिकित्सालय प्रभारी चिकित्सक के भरोसे चल रहा है. इसके अलावा, चिकित्सक और स्टाफ के लिए क्वार्टर की भी कोई सुविधा नहीं है. किसानों ने बताया कि सरकार पशु पालन को बढ़ावा दे रही है और विभिन्न अनुदानों के माध्यम से उन्हें पशु पालन का लाभ मिल रहा है, लेकिन चिकित्सकीय सुविधा न होने के कारण यह पहल अधूरी प्रतीत हो रही है. किसान मदन यादव, मो मंजूर, मो इलाही, रामनरेश यादव, बिनोद मंडल, सुभाष चंद्र और रमेश कुमार ने वरीय पदाधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चिकितक की नियुक्ति और नये भवन निर्माण की मांग की है. उनका कहना है कि बिना उचित चिकित्सकीय सुविधा के पशु पालन में होने वाले निवेश का लाभ नहीं मिल पाएगा.
क्या कहते हैं प्रभारी भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी
इस पशु चिकित्सालय का भवन जर्जर स्थिति में है और दो चिकित्सक के पद रिक्त हैं. करीब पांच महीने पहले पिछले चिकित्सक के ट्रांसफर के बाद नयी नियुक्ति नहीं हुई है. क्षेत्र के किसान बड़ी संख्या में मवेशी पालते हैं. चिकित्सक की नियुक्ति होने पर मवेशी पालकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान संभव होगा.-डॉ. बालेश्वर निराला, प्रभारी भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी, मेहरमाB
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

