बड़ी दुर्गा मंदिर में राम कथा के पांचवें दिन बही भक्त की रसधार प्रतिनिधि ,पथरगामा बड़ी दुर्गा मंदिर परिसर में जारी नौ दिवसीय राम कथा कार्यक्रम में श्रद्धालु आस्था के सागर में डुबकी लगा रहे हैं. राम कथा के पांचवें दिन शुक्रवार की शाम राम जन्मोत्सव श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया. कथावाचक पंडित रविशंकर ठाकुर जी महाराज ने प्रवचन के दौरान प्रभु राम जन्म का प्रसंग प्रस्तुत किया. कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम विष्णु के 10 अवतारों में से सातवें अवतार थे. 12 कलाओं के स्वामी राम का जन्म लोक कल्याण और इंसानों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करने के उद्देश्य से हुआ था. कहा कि राम को हंदू धर्म के महानतम देवताओं की श्रेणी में जाना जाता है. वे करुणा, त्याग और समर्पण की मूर्ति माने जाते हैं. उन्होंने विनम्रता, मर्यादा, धैर्य और पराक्रम का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण संसार के सामने प्रस्तुत किया है. सनातन धर्म में राम की अनेकों गाथाएं विद्यमान है. उनके जीवन के लीला की अनुपम कथाओं का समावेश महर्षि वाल्मिकी ने रामायण में किया है. वहीं गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस को रच कर मर्यादा पुरुषोत्तमम राम को भक्तों के हृदय में उतार दिया. कथा के दौरान उल्लास के साथ जय श्री राम का जयघोष श्रद्धालुओं ने किया. इस दौरान महिला श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला. कथास्थल पर मिठाई बांटकर जन्मोत्सव की खुशी मनायी गयी. बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग रामलला के आगमन पर उत्साहित दिखे. कार्यक्रम स्थल पर दीप-प्रकाश, शंखनाद, मंत्रोच्चार की गूंज ने वातावरण भक्तिमय हो गया है. मौके पर व्यवहार न्यायालय गोड्डा के वरीय अधिवक्ता सह कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक अशोक कुमार चौबे, रामकथा समिति के अध्यक्ष सह अधिवक्ता निलाभ चतुर्वेदी, डॉ प्रभा रानी प्रसाद, मनोज कुमार भगत, अधिवक्ता अमिताभ चतुर्वेदी, शिवकुमार भगत, अनिल केडिया, मुन्ना टेकरीवाल, रंजीत टेकरीवाल, शेखर सुमन, रवि भगत, संजय झा, सुबोध साह, ऋतिक राजा आदि की भूमिका राम जन्मोत्सव को सफल बनाने में सराहनीय रही.
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