राजमहल कोल परियोजना के एरिया कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में माइंस रेस्क्यू डे मनाया गया. इस दौरान परियोजना पदाधिकारियों और कर्मियों ने स्व. जसवंत सिंह गिल की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर महाप्रबंधक एएन नायक ने कहा कि 13 नवंबर 1989 को महावीर कोलियरी, रानीगंज कोलफील्ड में एक बड़ी दुर्घटना हुई थी. खदान में अचानक पानी भर गया था, जिससे कई मजदूर अंदर फंस गये थे. उस समय चारों तरफ निराशा छा गयी थी, लेकिन ईसीएल रेस्क्यू के प्रथम महाप्रबंधक जसवंत सिंह गिल ने मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए 16 नवंबर 1989 को अभियान की शुरुआत की. उन्होंने अपने साहस, समझदारी एवं मेहनत से 6 घंटे बाद फंसे हुए 65 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. यह एक बड़ी सफलता थी. इस कार्य के लिए गिल को तत्कालीन राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमन द्वारा सर्वोच्च जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया था. क्षेत्रीय महाप्रबंधक ने कहा कि उनकी जीवनी से सभी कामगारों को सीख लेने की जरूरत है. सच्चा कामगार वही है जो संकट से डरता नहीं, बल्कि अपना काम करता है. महाप्रबंधक (परिचालन) दिनेश शर्मा ने कहा कि खदान सुरक्षा, आपातकालीन तैयारी एवं रेस्क्यू टीम को मजबूत करना चाहिए, ताकि किसी भी आपदा से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके. उन्होंने परियोजना की सुरक्षा व्यवस्था की भी सराहना की. मौके पर सुरक्षा पदाधिकारी पी. वर्णवाल, एपीएम मनोज इमानुएल टुडू, प्रणव कुमार, शादाब अंजुम, आरके सिंह, रामनाथ पंडित आदि उपस्थित थे.
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