पथरगामा प्रखंड के लखनपहाड़ी पंचायत अंतर्गत लखनपहाड़ी गांव में रविवार को श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के आयोजन से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया. कथा के दूसरे दिवस पर कथा व्यास नीलकंठ जी महाराज ने भगवान विष्णु के वाराह अवतार का मनोरम वर्णन किया. इस दौरान उन्होंने राजा परीक्षित को मिले श्राप से मुक्ति का प्रसंग तथा हिरण्यकश्यप और भक्त प्रह्लाद की कथा का भी भावपूर्ण वर्णन किया. कथावाचक नीलकंठ जी ने अपने प्रवचन में कहा कि इस कलयुग में मोह और माया से मुक्ति पाने का सर्वोत्तम उपाय सत्संग है और श्रीमद् भागवत का श्रवण अत्यंत कल्याणकारी है. उन्होंने यह भी बताया कि इस पवित्र कथा का महत्व इतना अधिक है कि स्वयं मां पार्वती ने इसे भगवान शिव के मुख से सुना था. कथा के दौरान जब मां पार्वती को निद्रा आ गयी, तब एक पक्षी ने यह कथा सुनी और आगे चलकर वही शुकदेव मुनि के नाम से प्रसिद्ध हुए.
मानव जीवन में सुख, शांति और मोक्ष की प्रदाता कथा
कथा व्यास ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा चिरकाल से मानव जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, आनंद, वैभव, ऐश्वर्य और मोक्ष की प्रदाता रही है. उन्होंने कर्म और धर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि धर्म हमें सही कर्म करने की प्रेरणा देता है. नीलकंठ जी महाराज ने भजन के माध्यम से यह भी समझाया कि बिना सत्संग के विवेक का विकास संभव नहीं है. उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे समय निकालकर भागवत सत्संग में भाग लें. इस अवसर पर यजमान शोभाकांत झा और पत्नी रीता देवी उपस्थित रहे. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तजन और ग्रामीण शामिल हुए और कथा का आनंद लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

