पथरगामा प्रखंड मुख्यालय स्थित बालिका उच्च विद्यालय पथरगामा का चहारदीवारी नीचा रहने की वजह से विद्यालय की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो रहा है. मालूम हो कि स्कूल के पुराने चहारदीवारी की ऊंचाई कम रहने व एक हिस्से में चहारदीवारी के टूट-फूट जाने की वजह से शाम ढलने के बाद परिसर में पशुओं व शरारती तत्वों का आना जाना लगा रहता है. शरारती तत्वों द्वारा विद्यालय परिसर में घुसकर जहां-तहां शौच भी किया जाता है. इसके साथ ही स्कूल भवन को भी शरारती तत्वों द्वारा तरह-तरह से नुकसान पहुंचाया जाता रहा है. बताया जाता है कि शरारती तत्वों द्वारा पूर्व में स्कूल के पानी टंकी का पाइप, नल, हैंडवाश यूनिट का नल, सीसीटीवी का कैमरा, खिड़की, चौखट आदि को तोड़ा जा चुका है. परिसर में बच्चों के खेलने कूदने के लिए लगाये गये झूले को भी नुकसान पहुंचाया जा चुका है. चहारदीवारी नहीं रहने की वजह से शरारती तत्व परिसर में घुसकर दीवारों पर अभद्र लेखन भी करते रहते हैं. हालांकि विद्यालय प्रबंधन की मानें, तो पूर्व में जनप्रतिनिधि से लेकर प्रखंड प्रशासन को मौखिक व लिखित रूप से चहारदीवारी की समस्या से अवगत कराया जा चुका है. चहारदीवारी की ऊंचाई बढ़ाये जाने की दिशा में किसी प्रकार की कोई पहल नजर नहीं आता. अभिभावकों समेत स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में जल्द से चहारदीवारी की ऊंचाई बढ़ाते हुए कंटीले तार से घेराबंदी कराये जाने की जरूरत है, ताकि विद्यालय साफ-सुथरा और सुरक्षित रह सके. बताते चलें कि बालिका उच्च विद्यालय प्रांगण में कक्षा एक से कक्षा दस तक की पढाई होती है. तकरीबन एक हजार बच्चे विद्यालय में नामांकित है. किंतु विद्यालय को एक बेहतर चहारदीवारी नसीब नहीं है. …………………………….. विद्यालय में पुराने चहारदीवारी की ऊंचाई को बढ़ाने की जरूरत है. इससे विद्यालय सुरक्षित व साफ सुथरा रह सकेगा. चहारदीवारी नीचा रहने की वजह से हैंडवाश यूनिट के नल को भी शरारती तत्व तोड़ दिया करते हैं. -अनिल यादव, प्रभारी प्रधानाध्यापक (बालिका उच्च विद्यालय पथरगामा)
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