हनवारा थाना क्षेत्र के परसा गांव में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हुए खूनी संघर्ष में प्रधानाध्यापक हिदायत अली की हत्या के मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. गिरफ्तार आरोपियों में मो. अली (35 वर्ष), मो. शरीफ (65 वर्ष), मो. अतहर (45 वर्ष), अब्दुल रज़ाक (40 वर्ष) और जफरूल उर्फ जफर (40 वर्ष) शामिल हैं. सभी आरोपी परसा गांव निवासी हैं और मृतक से पुरानी जमीन संबंधी रंजिश रखते थे. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से एक कुदाल और दो लाठियां बरामद की गयी हैं, जिनका उपयोग हत्या में किया गया था. एसपी के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने एसडीपीओ चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में यह छापेमारी की. टीम ने गांव में अलग-अलग जगहों पर दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया. एसडीपीओ चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि इस मामले में कुछ आरोपी अब भी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. पूछताछ में सामने आया है कि मृतक हिदायत अली के साथ जमीन को लेकर वर्षों पुराना विवाद चला आ रहा था, जिसकी परिणति हिंसक संघर्ष और हत्या में हुई. प्रधानाध्यापक की निर्मम हत्या से गांव में शोक और दहशत का माहौल है. ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और त्वरित न्याय की मांग की है.
दोषियों को फास्ट ट्रैक से मिले सजा : आलम
हनवारा थाना कांड संख्या 48/25 के तहत जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट की घटना में सरकारी शिक्षक हिदायत अली सिद्दीकी की मौत और दो अन्य अब्दुस सुभान व असद राही के गंभीर रूप से घायल होने की घटना पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य हाजी इकरारूल हसन आलम ने गहरी संवेदना प्रकट की है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं समाज में कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती हैं. हाजी इकरारूल हसन ने पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से शीघ्र सजा दिलाई जाए और जमीन विवाद से जुड़े मामलों को विशेष गंभीरता से लिया जाये, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जा सकें. घटना में घायल दोनों व्यक्तियों की हालत अब भी चिंताजनक बनी हुई है, जिनका इलाज चल रहा है.जनाजे में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों से दी श्रद्धांजलि
महागामा प्रखंड के हनवारा थाना क्षेत्र के परसा गांव में रविवार को शोक की लहर छा गयी. सरकारी शिक्षक हिदायत अली सिद्दीकी की अंतिम यात्रा में करीब 10 हजार मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए. जनाजे की नमाज़ के दौरान हजारों की भीड़ ने एक सुर में दुआ की और शिक्षक को आखिरी विदाई दी. जनाजे की नमाज़ के बाद परसा कब्रिस्तान में हिदायत अली को सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया. मिट्टी देने के समय हर आंख नम थी, माहौल पूरी तरह ग़म में डूबा हुआ था.हवा तक मानो इस मातमी माहौल की गवाही दे रही थी. लोगों ने कहा कि हिदायत अली महज़ एक शिक्षक नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक, समाजसेवी और इंसानियत की पहचान थे. उन्होंने अपने जीवन में हमेशा अमन, भाईचारा और मोहब्बत का पैग़ाम दिया. उनका यूं असमय जाना समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. ग्रामीणों ने भावुक होते हुए कहा कि शिक्षक हिदायत अली की यादें और उनके द्वारा किया गया कार्य हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगा.
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