रोष . चार दिन से समरी में फैला है डायरिया, तीसरे दिन जागा विभाग
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अब भी दर्जनों लोग हैं आक्रांत
रोष . चार दिन से समरी में फैला है डायरिया, तीसरे दिन जागा विभाग महागामा : चार दिनों से महागामा के समरी गांव में डायरिया फैला हुआ है. अब तक दो बच्चों की जान जा चुकी है. लेकिन चार दिन बाद मंगलवार से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव में पीड़ितों का इलाज शुरू किया […]
महागामा : चार दिनों से महागामा के समरी गांव में डायरिया फैला हुआ है. अब तक दो बच्चों की जान जा चुकी है. लेकिन चार दिन बाद मंगलवार से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव में पीड़ितों का इलाज शुरू किया गया. जबकि सिविल सर्जन की मानें तो तीन दिन से स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कैंप कर रही है. हकीकत है कि वहां कोई टीम चार दिनों से थी ही नहीं. अगर टीम होती तो इन मासूमों की जान बच सकती थी. साेमवार देर रात गांव के अब्दुल गणि के 12 वर्षीय पुत्र मसूद आलम की मौत हुई है.
इसका इलाज गांव के ही एक ग्रामीण चिकित्सक कर रहे थे. किसी सरकारी टीम द्वारा बच्चे का इलाज नहीं हाे रहा था. सवाल है कि सिविल सर्जन के अनुसार जब टीम तीन दिन से वहां कैंप कर रही है तो फिर मसूद का इलाज ग्रामीण चिकित्सक क्यों कर रहा था. बता दें कि समरी गांव में रविवार की रात भी एक वर्ष की मासूम साबरीन खातून की मौत हो गयी थी. सोमवार को टीम दिन के तीन बजे ही गांव से चली गयी थी. जबकि चिकित्सा प्रभारी ने स्वास्थ्य टीम को समरी गांव में दिन रात कैंप करने का निर्देश दिया था.
खाली हाथ आयी थी स्वास्थ्य टीम
ग्रामीण मो शेख जहीर उद्दीन, मो नदीम उद्दीन, मो शाहिद, मो इसलाम, रसीक मुर्मू, मो मन्नान, मो करीम, मो खालिद, मो तासीम आदि ने बताया कि जिस दिन से डायरिया शुरू हुआ था, उसी दिन मुखिया एवं ग्रामीणों द्वारा महागामा रेफरल अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी को सूचना दिया गया था. स्वास्थ्य टीम तीन दिन बाद गांव पहुंची थी. टीम खाली हाथ ही आयी थी. डायरिया पीड़ितों को देखने के बाद एक घंटे बाद दवा स्लाइन को स्वास्थ्य कर्मियों ने गांव में लाया था.
चौथे दिन हरकत में आया विभाग
समरी गांव में डायरिया का प्रकोप होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से लापरवाही बरती गयी. दूसरी ओर चौथे दिन प्रखंड प्रशासन हरकत में आया तथा गांव पहुंच कर पीड़ितों की सुधि ली है. ग्रामीणों ने बताया कि प्रखंड प्रशासन व रेफरल अस्पताल मामले में पहले संवेदनशील होता तो डायरिया ग्रसित दो की जान नहीं जाती.
कई हैं परेशान
गांव में अब भी 14 लोग डायरिया से आक्रांत है. उमर अब्दुल्ला 17 वर्ष, मो सलीम 50 वर्ष, तबरेज आलम 02 वर्ष, जमशेद आलम 05 वर्ष, मरियम खातुन 25 वर्ष, नदीम आलम 12 वर्ष, सितारा बेगम 26 वर्ष, सहेलिया खातुन 07 वर्ष, आफरीन खातून 05 वर्ष, मो शहनबाज 10 वर्ष आदि डायरिया की चपेट में है.
14 वर्ष से नहीं हुआ छिड़काव
ग्रामीणों ने बताया कि समरी गांव में 14 वर्ष से डीडीटी का छिड़काव नहीं कराया गया है. गांव में हमेशा दूषित पानी का जमाव बना रहता है. बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र में मलेरिया विभाग एसपी पाउडर का छिड़काव दो वर्ष से कराया जा रहा है. फिर भी समरी गांव छिड़काव कार्य से कोसों दूर है.
समरी गांव में डायरिया होने की जानकारी स्थानीय मुखिया व चिकित्सा प्रभारी के दिये जाने के बाद मेडिकल टीम को तुरंत गांव भेजा गया है. तीन दिनों से टीम गांव में कैंप कर रोगियों का इलाज कर रही है. विभाग की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती गयी है. डायरिया पीड़ितों को मेडिकल टीम द्वारा ओआरएस व दवा दिया जा रहा है. स्लाइन भी दिया गया. चिकित्सा प्रभारी को निर्देश दिया गया है कि गंभीर रोगी को तुरंत रेफर करें. पूरी तरह से मरीजों का इलाज करें. जनप्रतिनिधियों के कहे जाने पर गांव में ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव कराया गया है.
डॉ बनदेवी झा, प्रभारी सिविल सर्जन
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