जेवड़ा गांव से फिर सामने आयी विकास की पोल खोलती तस्वीर
देवरी प्रखंड की खटोरी पंचायत के जेवड़ा गांव में एक बार फिर विकास की पोल खोलती तस्वीर सामने आयी है. गांव में सड़क नहीं होने के कारण प्रसव पीड़ा के बाद एक गर्भवती महिला तालको मरांडी पति गणेश सोरेन को गांव की महिलाओं ने शनिवार खाट पर टांग कर करीब दो किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक पहुंचाया. वहां से उसे निजी वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिसरी ले जाया गया. जेवड़ा गांव में यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पूर्व में 28 अगस्त को गांव के सुनील की गर्भवती पत्नी सलगी मुर्मू को भी परिजन चारपाई पर उठाकर इसी तरह अस्पताल लेकर गये थे.जंगल, पहाड़ और नदी से घिरा है गांव
जंगल, पहाड़ और नदी से घिरे इस गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं बन पायी है. इसके कारण चार पहिया वाहन गांव नहीं जाता है. ऐसे में गांव के लोग आज भी पगडंडी रास्तों से होकर, नदी पार कर मरीजों को मुख्य सड़क तक लाने को मजबूर हैं. गर्भवती महिला तालको मरांडी को प्रसव पीड़ा के बाद गांव की महिलाओं ने हिम्मत दिखायी और खटिया पर लिटाकर कठिन रास्तों से दो किमी दूर गादी गांव के पास मुख्य सड़क तक पहुंचाया. वहां से उसे निजी वाहन में अस्पताल पहुंचाया गया. यदि समय रहते यह प्रयास नहीं किया जाता, तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी.सड़क बनाने से दूर होगी समस्या : मुखिया
मुखिया तनुजा मरांडी ने बताया कि गांव के लिए रोड नहीं रहने से आये दिन इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है. पलमरुआ से जेवड़ा तक सड़क बनने से समस्या दूर हो सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

