आयोजन. मजदूर दिवस पर जिलेभर में जगह-जगह कार्यक्रम, बोले वक्ता
पूर्व विधायक राजकुमार यादव और जिला सचिव अशोक पासवान ने कहा कि वर्ष 1886 में शिकागो शहर में काम के घंटे को कम करने की लड़ाई में हजारों मजदूरों ने शहादत दी, जिसे लेकर अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मान्यता दी गयी. आज निजीकरण के दौर में मजदूरों से 12 घंटे काम लिया जा रहा है. जल्द बड़ा निर्णय लेकर पूंजीपतियों को उसके कार्य को बतायेंगे. पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य हलदर महतो और किसान नेता पूरण महतो ने कहा कि कारखाने में मजदूर शोषण, दमन, असमानता, गैर बराबरी के शिकार हो रहे हैं. न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही है. इसके खिलाफ मजदूर वर्ग के अंदर राजनीतिक चेतना विकसित करके गोलबंद करना होगा. 20 मई को देशव्यापी आम हड़ताल ऐतिहासिक बनाने पर जोर लगाना होगा.
झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने किया संगोष्ठी का आयोजन
झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने मजदूर दिवस पर महासंघ भवन में संगोष्ठी का आयोजन किया. अध्यक्षता अमर किशोर सिन्हा ने की. प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार सिंह नयन व संरक्षक रूपलाल महतो समेत सभी संघों व प्रखंडों से कर्मचारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया. श्री नयन ने कहा कि मई दिवस मजदूरों की एकता का प्रतीक है. कहा कि व्यावसायिक रूप में आज परिस्थिति विपरीत हो गयी है, क्योंकि इसका पालन नहीं किया जा रहा है. रूपलाल महतो ने कहा कि मजदूर दिवस के प्रति सभी के दिलों में उत्साह होना चाहिए, क्योंकि यही एक ऐसा त्योहार है जो पूरी दुनिया के मजदूरों को जोड़ता है. संगोष्ठी को मुक्तेश्वर प्रसाद, लखन पंडित, विनय सिन्हा, मुरारी राम, प्रदीप गोस्वामी, राजकिशोर साहू, नरेश वर्मा, बबन सिंह, मुकेश यादव, भरत मांझी, बबलू चौधरी, साजिद अंसारी, राजेश कुमार, वशिष्ठ सिंह आदि ने भी संबोधित किया. अंत में पहलगाम में मृत लोगों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

