चिकित्सकों के अनुसार ठंड के मौसम में सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों को हो रही है. इसके साथ ही हृदय रोग के मरीज और पहले से फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे लोगों की समस्याएं भी इस मौसम में बढ़ गयी है. ठंड के कारण ऐसे मरीजों की तबीयत जल्द बिगड़ रही है. सर्दी-खांसी और बुखार की शिकायत आम हो गयी है. इसके अलावा कई छाती में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ की समस्या को लेकर भी लोग अस्पताल आ रहे हैं. ठंड के कारण निमोनिया और दमा जैसी बीमारियों के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. वहीं हृदयाघात और पैरालिसिस जैसी गंभीर बीमारियों से संबंधित मरीज भी इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं. ठंड से बचाव के दौरान लोग आग सेंकने, अलाव जलाने और हीटर का उपयोग कर रहे हैं. इसी क्रम में लापरवाही बरतने के कारण झुलसने के कई मामले भी सामने आते हैं. झुलसे हुये मरीजों को भी इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया जा रहा है.
अस्पताल में पहुंच रहे 250-300 मरीज
हालात यह है कि सामान्य दिनों में सदर अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 140-150 मरीज ही इलाज के लिए पहुंचते थे, लेकिन ठंड बढ़ते ही स्थिति पूरी तरह बदल गयी है. वर्तमान में 250-300 मरीज पहुंच रहे हैं. सुबह होते ही पंजीकरण काउंटरों के पास मरीजों और उनके परिजनों की कतार लगने लगती है. दिन चढ़ने के साथ अस्पताल परिसर में चहल-पहल और बढ़ जाती है. पूरे दिन मरीजों की आवाजाही बनी रहती है. मरीजों की संख्या में हुई इस बढ़ोतरी का असर अस्पताल की व्यवस्था पर भी साफ दिखाई दे रहा है. चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को पहले की तुलना में अधिक मरीजों को देखना पड़ रहा है. ओपीडी का माहौल लगातार व्यस्त बना हुआ है और इलाज की प्रक्रिया में भी समय लग रहा है.बुजुर्गों और बच्चों के प्रति अतिरिक्त सावधानी जरूरी : डॉ रजी अरशद
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ रजी अरशद ने बताया कि ठंड के मौसम में शरीर की रक्त नली सिकुड़ जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता है. इसका सीधा असर हृदय और मस्तिष्क पर पड़ता है. उन्होंने बताया कि इस मौसम में हार्ट अटैक और पैरालिसिस के मामले बढ़ जाते हैं. खासकर सुबह के समय और देर रात ठंड ज्यादा असर करती है. इसलिए इस दौरान अतिरिक्त सावधानी जरूरी है. डॉ अरशद ने बुजुर्गों को लेकर विशेष सलाह देते हुए कहा कि उम्रदराज लोग बिना जरूरत के घर से बाहर ना निकलें. यदि बाहर निकलना जरूरी हो तो सिर ढककर निकलें. टोपी जरूर पहनें और गर्म कपड़ों का उपयोग करें. ठंड सीधे सिर और छाती पर लगने से गंभीर परेशानी हो सकती है. उन्होंने कहा कि बच्चों और बुजुर्गों को सुबह के समय ठंड से बचाकर रखें. उन्होंने खानपान को लेकर भी सतर्कता बरतने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में नमक, तेल और मसालेदार भोजन का सेवन कम से कम करें. खासकर हृदय रोग से पीड़ित लोगों को तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए. नियमित दवाएं समय पर लें और बिना चिकित्सकीय सलाह के कोई दवा न छोड़ें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

