अनदेखी. आठ माह में नहीं हुआ निर्माण, प्रमुख व बीडीओ की पहल भी काम नहीं आयी
पिछली बारिश में टूटी चहारदीवारी की आठ महीने बाद भी मरम्मत नहीं होने व ऊंचाई कम होने के कारण कस्तूरबा विद्यालय गांडेय की छात्राएं व शिक्षिकाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. पुलिस-प्रशासन व विभाग को सूचना दे जाने के बाद भी कोई सकारात्मक पहल नहीं होने से छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है.कई बार विद्यालय परिसर में घुसे हैं असामाजिक तत्व
जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 में बरसात के दिनों में कस्तूरबा विद्यालय गांडेय में छात्रावास के किनारे चहारदीवारी गिर गयी थी. इसके टूटने के बाद स्कूल प्रबंधन ने विभाग को सूचना दी, लेकिन कोई पहल नहीं हुई. बाद में टूटी व छोटी चहारदीवारी के कारण कभी शाम, तो कभी रात में असामाजिक तत्वों के स्कूल परिसर में घुसने और गाली-गलौज करने का मामला सामने आया है. हालांकि, स्कूल प्रबंधन की सजगता के कारण उन्हें वहां से भागना पड़ा. स्कूल प्रबंधन ने विभाग व पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना दी. पुलिस ने स्कूल के आसपास रात्रि गश्ती भी बढ़ा दी. इधर, चार दिसंबर को बीडीओ निसात अंजुम व प्रमुख राजकुमार पाठक ने स्कूल का निरीक्षण करते हुए व्यवस्था दुरुस्त करने का आश्वासन दिया. इसके बावजूद आज तक ना ही टूटी चहारदीवारी की मरम्मत की गयी है और ना चहारदीवारी की ऊंचाई बढ़ायी गयी.विभाग से किया गया है पत्राचार : वार्डन
कस्तूरबा विद्यालय की वार्डन अमन जहां ने कहा कि पिछले वर्ष बरसात में ही चहारदीवारी टूटी है. मामले को ले विभाग से पत्राचार किया गया है. कहा कि अराजक तत्वों के स्कूल परिसर में घुसने के मामले को ले भी पुलिस प्रशासन को सूचना दी गयी है.जिप व दिशा की बैठक में उठाया गया है मामला : प्रमुख
प्रमुख राजकुमार पाठक ने कहा कि कस्तूरबा विद्यालय में छात्राएं अध्ययनरत हैं और यह आवासीय विद्यालय है. यहां चहारदीवारी टूटने, अराजक तत्वों के घुसने का मामला उन्होंने जिप व दिशा की बैठक में मामला उठाया और चहारदीवारी की मरम्मत करने की मांग रखी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है