आवेदन में रंजीत ने कहा है कि उनका पीहू फार्मा मेडिकल स्टोर नावागढ़ चट्टी में है. छह दिसंबर को उपेंद्र साव नामक व्यक्ति को उनके यहां इलाज के लिए लाया गया था, लेकिन उन्होंने इलाज ना कर चिकित्सक के पास जाने की सलाह दी. इसके बाद उपेंद्र पलौंजिया में इलाज कराया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. रंजीत का आरोप है कि किसी के बहकावे में आकर थाना प्रभारी ने उन पर गलत इलाज कर उपेंद्र साव की मौत का कारण बनने का झूठा आरोप लगा दिया. मृतक के परिजनों ने स्वयं पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार करते हुए कहा कि मौत बीमारी से हुई है. फिर भी थाना प्रभारी मामले को जबरन दबाव में लाकर केस बनाने की धमकी दे रहे थे. पीड़ित का दावा है कि थाना प्रभारी ने मामले को मैनेज करने के नाम पर उनसे एक लाख रुपए की मांग की.
एएसआइ पर अभद्र व्यवहार का आरोप
पैसे देने से इंकार करने पर रात में गश्ती दल के सअनि नवल शर्मा उनके घर पहुंचे और उनकी अनुपस्थिति में परिवार के साथ गाली-गलौज व अभद्र व्यवहार किया. इससे पूरा परिवार भयभीत है. रंजीत ने एसपी से थाना प्रभारी सत्येंद्र पाल और सअनि नवल शर्मा के खिलाफ कठोर एवं निष्पक्ष कार्रवाई करने की मांग की है. आवेदन पर स्थानीय मुखिया भुनेश्वर साव, पंचायत समिति नीतू देवी, वार्ड सदस्य समेत काफी संख्या में लोगों के हस्ताक्षर हैं.
आरोप बेबुनियाद : थाना प्रभारी
इस बाबत धनवार थाना प्रभारी सत्येंद्र कुमार पाल ने कहा कि उनपर लगाये गए सभी आरोप बेबुनियाद है. मृतक के परिवार ने उक्त मेडिकल दुकान संचालक के पर आरोप लगाते हुए आवेदन दिया है. इसमें कहा गया है कि दुकानदार ने इंजेक्शन दिया था, जिससे उसके परिजन की मौत हो गयी.
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