शहर की सड़कें सुबह से वाहनों से पटी रहीं और दोपहिया, चारपहिया, ऑटो, ई-रिक्शा की लंबी कतारें शहर भर में दिखीं. शहर के प्रमुख मार्गों की हालत इतनी खराब थी कि कई जगह लोगों को 20-30 मिनट तक एक ही स्थान पर खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगहों पर वाहन इंच-इंच कर आगे बढ़ रहे थे, जबकि कई जगह वाहन पूरी तरह रुके रहे. शहर की रफ्तार जैसे ठहर गयी थी. जाम का मुख्य कारण गिरिडीह पचंबा फोर लेन निर्माण कार्य रहा. यहां निर्माण कार्य कई दिनों से प्रगति पर है. अलग-अलग स्थानों पर निर्माण एजेंसी का रोड चौड़ीकरण, वेल्डरिंग और डाइवर्जन के कार्य चल रहे हैं. इन कामों के दौरान सड़क संकरी हो गयी. इसकी वजह से वाहन एकत्र हो जाते हैं. मंगलवार को भी कई स्थानों पर सड़क के आधे भाग में ही गाड़िया चल रही थीं. कुछ जगह मशीनें और ट्रक खड़े रहने से मार्ग और अधिक जाम हो गया.
स्कूली बसें और एंबुलेंस भी फंसीं
शहर में दिन भर चले भीषण जाम का सबसे बुरा असर स्कूली बच्चों और मरीजों पर पड़ा. वाहनों की लंबी कतारों में कई स्कूल बसें घंटों तक फंसी रहीं. पहली पाली के बच्चों को जहां स्कूल पहुंचने में काफी देर हुई, वहीं दूसरी पाली में छुट्टी के समय भी बसें घोर अव्यवस्था में जूझती रहीं. कई बसों में छोटे-छोटे बच्चे थे लंबे इंतजार से परेशान होकर बेचैन होने लगे. जाम का असर केवल बच्चों तक ही सीमित नहीं रहा. शहर के मुख्य मार्गों पर दो से अधिक एंबुलेंस भी जाम में फंस गयीं. सायरन लगातार बजता रहा, पर आगे बढ़ने की जगह नहीं मिल सकी. ऐसे हालात देखकर लोग खुद भी परेशान हो उठे. किसी भी वक्त मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती थी, पर सड़क पर फैली अव्यवस्था ने एंबुलेंस को भी लाचार बना दिया. एंबुलेंस चालक ने बताया कि वे करीब 20–25 मिनट तक एक ही स्थान पर खड़े रहे, जबकि मरीज को तत्काल अस्पताल पहुंचाने की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस के न दिखने और अनुशासन की कमी के कारण एंबुलेंस का निकलना लगभग असंभव हो गया था. दोपहर में जब स्कूलों की छुट्टी हुई, तो हालात और भी बदतर हो गये. सभी स्कूल बसें एक साथ सड़क पर आ गयीं और जाम इतनी तेजी से फैला कि बसों को आगे बढ़ने में कई-कई मिनट लग रहे थे.
फोरलेन निर्माण का कार्य रात में कराने की उठी मांग
जाम की स्थिति देखने के बाद स्थानीय लोग फोर लेन सड़क निर्माण कार्य को लेकर अपनी नाराज़गी और सुझाव रख रहे हैं. उनका कहना है कि दिन के समय होने वाले निर्माण कार्य से शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाती है. सुबह और शाम के व्यस्त घंटों में जब लोग स्कूल, दफ्तर, अस्पताल या बाज़ार की ओर निकलते हैं, तभी सड़क का आधा हिस्सा निर्माण सामग्री और मशीनों से घिरा रहने के कारण जाम और बढ़ जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि एजेंसी रात के समय या कम भीड़-भाड़ वाले समय में कार्य करे, तो न केवल जाम की समस्या कम होगी, बल्कि काम भी तेज़ी से पूरा किया जा सकेगा. कई लोगों ने बताया कि देश के अन्य शहरों में भी व्यस्त सड़कों का निर्माण कार्य रात में किया जाता है, ताकि यातायात प्रभावित न हो. दिनभर सड़क पर निर्माण की गतिविधियों के कारण ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच पाते, जिससे बाजार की आमदनी पर भी भारी असर पड़ रहा है.फोरलेन सड़क निर्माण कार्य के वजह से लग रहा जाम : ट्रैफिक इंस्पेक्टर
ट्रैफिक इंस्पेक्टर दुगन टोपनो ने बताया कि टावर चौक के पास फ़ोरलेन सड़क निर्माण कार्य चल रहा है. इसकी वजह से रोड को एक तरफ से सड़क को ब्लॉक कर दिया गया था. इसी वजह से शहर में जाम की स्थिति बनी रही. हालांकि उन्होंने कहा कि जगह-जगह ट्रैफिक पुलिस को तैनात किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

