25 दिसंबर क्रिसमस के दिन से पिकनिक मनाने वालों की संख्या काफी बढ़ जाती है. पूरे जनवरी माह तक यहां सैलानियों की भीड़ लगी रहती है. पेड़ पौधों, जंगल और जंगली जानवरों से घिरे खेड़ो नदी वाकई में खूबसूरती देखते बनती है. यहां बगोदर प्रखंड के अलावे इससे सटे अन्य प्रखंड व हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़, बरकट्ठा से भी लोग पहुंचते हैं.
पर्यटन की असीम संभावना समेटे हुए है स्थल
पत्थरों और जंगलों से होकर गुजरी नदी उक्त स्थल पर पर्यटन की असीम संभवना को भी समेटे हुए हैं. स्थानीय लोगों और पहुंचने वाले लोगों ने इस स्थल को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने की मांग की है, ताकि जंगल को बचाते हुए भविष्य में जगह को अतिक्रमण होने से बचाया जा सके.
पांच दशकों से पहुंच रहे हैं लोग
यहां लोग पांच दशकों से पहुंच रहे हैं. हाल के दिनों में पहुंचने के लिए पक्की सड़क भी बनी है. उक्त स्थल पर पुल भी बना हुआ है. पुल के दोनों छोर से पांच सौ मीटर तक दोनों किनारे घना जंगल हैं, जो उक्त स्थल की खूबसूरती और बढ़ा देती है. लोगों ने वन विभाग से उक्त स्थल का सर्वे कर नेचर पार्क का रूप देने के लिए पहल करने की मांग की है. जंगल में नील गाय, मोर समेत अन्य पशु-पक्षी भी देखने मिल जाते हैं. अगर इस स्थल को भी पर्यटन विभाग सर्वे कर काम करवाता है, तो यहां कायाकल्प भी होगा. साथ ही नदियों के बीच एडवेंचर का आनंद के लिए खुशनुमा पार्क बनाया जा सकता है.
कैसे पहुंचे
बगोदर चौराहे से पश्चिमी दिशा में चार किमी की दूरी पर मंझलाडीह वाया अडवारा पथ पर नदी है. यहां निजी वाहन या फिर बगोदर चौराहे से टेंपो से यहां पहुंचा जा सकता है.
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