सदर अस्पताल को मिली बड़ी सौगात, ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट का हुआ लोकार्पण सदर अस्पताल गिरिडीह में शनिवार को ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट की शुरुआत की गयी. सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और बेहतर बनाने के लिए इस यूनिट का लोकार्पण स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी और नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त और जनसुलभ बनाना है. गिरिडीह सदर अस्पताल में लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को आधुनिक तकनीक और संसाधनों से सुसज्जित किया जा रहा है, ताकि यहां के आमलोगों को इलाज के लिए दूर-दराज के शहरों की ओर नहीं जाना पड़े. कहा कि अब ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट की शुरुआत से गिरिडीह और आसपास के जिलों के गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को काफी राहत मिलेगी. विशेष रूप से थैलेसीमिया, डेंगू, एनीमिया और अन्य रक्त संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को आवश्यकता अनुसार रक्त के घटक जैसे रेड ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा यहीं उपलब्ध होंगे. इससे समय की बचत के साथ-साथ जीवनरक्षा की संभावनाएं भी बढ़ेंगी. मंत्री ने कहा कि यह झारखंड में सिर्फ रांची में था लेकिन अब गिरिडीह में इसके खुल जाने से मरीजों को कहीं बाहर जाना नहीं पड़ेगा. कहा कि पहले इन सेवाओं के लिए मरीजों को रांची या धनबाद जैसे बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए चुनौतीपूर्ण था. अब यह सुविधा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो जाने से स्वास्थ्य सेवाओं में एक नयी क्रांति आयेगी. थैलेसीमिया और डेंगू के मरीजों को होगा सबसे अधिक फायदा : सुदिव्य नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने सदर अस्पताल में शुरू हुई ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट को स्वास्थ्य क्षेत्र की एक बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि यह सुविधा खास तौर पर उन गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए राहत लेकर आयेगी, जो आर्थिक तंगी के कारण महंगे निजी अस्पतालों में इलाज नहीं करवा पाते हैं. कहा कि थैलेसीमिया और डेंगू समेत अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को अब बार-बार पूरा खून चढ़ाने की जरूरत नहीं होगी. ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट की मदद से अब रक्त को विभिन्न घटकों में विभाजित कर, जरूरत के कंपोनेंट मरीज को दिया जा सकेगा. इस तकनीक से ना सिर्फ इलाज अधिक प्रभावी होगा, बल्कि रक्त की बर्बादी भी रोकी जा सकेगी. उन्होंने यह भी कहा कि यूनिट में अत्याधुनिक मशीनों की मदद से यह प्रक्रिया तेज, सुरक्षित और सटीक तरीके से की जा सकेगी. श्री सोनू ने भरोसा दिलाया कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत है और आगे भी इसके लिए कई नयी योजनाएं लायीं जायेंगी. एक हजार यूनिट ब्लड रखने की क्षमता : डीसी डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि इस यूनिट को भारत सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से लाइसेंस प्राप्त हुआ है. अब अस्पताल में 1000 यूनिट रक्त स्टोर करने की क्षमता हो गयी है. उन्होंने कहा कि इस तकनीक से अब पूरा खून अलग-अलग घटकों में बांटा जा सकता है और आवश्यकता के अनुसार मरीजों को उपलब्ध कराया जा सकेगा. कहा कि यूनिट शुरू होने से अब मरीजों को खून के लिए रांची या धनबाद नहीं जाना पड़ेगा. इससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी. खासकर गर्भवती महिलाएं, सड़क दुर्घटना के पीड़ित और गंभीर बीमारियों के मरीजों को बड़ा लाभ होगा. मौके पर ये थे मौजूद : कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ शिव प्रसाद मिश्रा, डीएस राजीव कुमार, डीपीएम प्रतिमा कुमारी, रेडक्रॉस के चेयरमैन अरविंद कुमार, कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष सतीश केडिया समेत कई अधिकारी, डॉक्टर, नर्स आदि मौजूद थे.
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