जैक मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक मामला. प्रश्नपत्र के संधारण, वितरण और रख-रखाव में बरती घोर लापरवाहीलेबर सप्लाई करनेवाले विक्की मिर्धा की तलाश में गिरिडीह व धनबाद में छापेपैकेट लेते और सेंटर पर प्रश्नपत्रों को बांटते समय नहीं देखा सील-जिन शिक्षकों को हुआ शो-कॉज, उन्हें दी गयी थी प्रश्नपत्रों की निगरानी की जिम्मेदारीजैक मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक मामले में कई और लोगों पर गाज गिरनी तय है. बुधवार को उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश पर जिला कोषागार पदाधिकारी ने कार्य में लापरवाही बरतने पर 10 शिक्षकों से स्पष्टीकरण किया. इनमें मनोज कुमार यादव, मनोज कुमार वर्मा, मुनचुन अंसारी, गोविंद झा, अभिमन्यु सिंह, अनूप कुमार गुप्ता, रितेश कुमार, रमेश कुमार, उमेश प्रसाद चौधरी और पवन कुमार शामिल हैं. पत्र में कहा गया है कि संबंधित शिक्षकों को प्रश्नपत्रों को वज्रगृह में भंडारण का दायित्व दिया गया था. बावजूद मजदूर द्वारा प्रश्नपत्र की चोरी कर ली गयी. घटना गंभीर एवं गोपनीय कार्य में लापरवाही को परिलक्षित करता है. इधर, कोडरमा पुलिस द्वारा छह लोगों की गिरफ्तारी किये जाने के बाद पुलिस व गिरिडीह जिला प्रशासन कई और बिंदुओं पर जांच में जुट गये हैं. उस दंडाधिकारी और केंद्राधीक्षक को चिह्नित किया जा रहा है, जिसने प्रश्नपत्र लेते समय और परीक्षा केंद्रों में बांटते समय सील देखना तक उचित नहीं समझा. गौरतलब है कि प्रश्नपत्र को स्ट्रांग रूम तक पहुंचाने और सभी पैकेट को सीरियल नंबर के साथ मिलान कर प्रश्नपत्रों को सौंपने के लिए जैक से भी एक पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया था. संबंधित पदाधिकारी ने भी लापरवाही की.
विक्की मिर्धा ने फोन किया ऑफ, कई स्थानों पर छापे
सूत्रों के अनुसार, प्रश्नपत्र ढोने के लिए जिन मजदूरों को लगाया गया था, उनके सप्लायर विक्की मिर्धा को भी पुलिस तलाश कर रही है. पुलिस ने धनबाद, गिरिडीह के नगीना सिंह रोड और झरियागादी इलाके में छापेमारी की है. बता दें कि विक्की मिर्धा कुंभ स्नान के लिए प्रयागराज गया था, जब उसे मजदूरों द्वारा प्रश्नपत्र लीक करने की सूचना मिली. उसने अपना फोन ऑफ कर दिया है और घर भी नहीं लौटा है. बता दें कि पुलिस ने उसके अंतिम लोकेशन के आधार पर धनबाद में छापेमारी की है.कोट
लापरवाही बरतने के आरोप में 10 शिक्षकों और एक स्ट्रांग रूम के प्रभारी से स्पष्टीकरण किया गया है. पुलिस की लापरवाही को लेकर एसपी डॉ विमल कुमार को पत्र लिखा जा रहा है. पुलिस के जवानों ने भी इस मामले में लापरवाही की है. प्रश्नपत्रों की सुरक्षा और उसकी निगरानी की जिम्मेदारी पुलिस बल की ही थी.नमन प्रियेश लकड़ा, उपायुक्त, गिरिडीह
तिसरी के अग्रवाला हाइस्कूल में खुले पैकेट से ही बांटे गये थे प्रश्नपत्र, जैक से प्रतिनियुक्त पदाधिकारी ने भी की नियमों की अनदेखी
प्लस टू अग्रवाला हाइस्कूल के केंद्राधीक्षक का दावा : प्रश्नपत्र बांटते समय सील था पैकेट, हुई थी वीडियोग्राफी
गिरफ्तार सभी छह आरोपितों को भेजा गया जेल
जैक मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच में तेजी आयी है. कोडरमा पुलिस की जांच अब परीक्षा केंद्रों और पूरी प्रक्रिया से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों पर टिक गयी है. यह तय है कि आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. जांच के क्रम में पता चला है कि जिस पैकेट को ब्लेड से काटकर प्रश्नपत्र निकाला गया था, उसे तिसरी के प्लस टू अग्रवाला हाइस्कूल परीक्षा केंद्र पर ले जाकर बिना जांच किये ही परीक्षार्थियों में बांट दिया गया. इस पैकेट को तिसरी प्रखंड के बीडीओ सह दंडाधिकारी मनीष कुमार ने प्राप्त कर बैंक तक पहुंचाया और बैंक से इस पैकेट को दंडाधिकारी की उपस्थिति में केंद्राधीक्षक घनश्याम गोस्वामी ने हासिल किया. एसओपी की गाइडलाइन के अनुसार, दंडाधिकारी व केंद्राधीक्षक को प्रश्नपत्र का पैकेट प्राप्त करने के दौरान उसका सील देखना था. इतना ही नहीं, छात्रों की उपस्थिति में पैकेट खोलते समय उसकी वीडियो रिकार्डिंग करनी थी. घनश्याम गोस्वामी के अनुसार, प्रश्नपत्र बांटते समय वीडियो रिकार्डिंग की गयी है और पैकेट सील था. श्री गोस्वामी ने कहा कि प्रश्नपत्र बैंक से लाने के लिए उन्होंने स्कूल के शिक्षक चुनमुन यादव को प्राधिकृत किया था.पुलिस ने जब्त किया है खुला पैकेट
कोडरमा पुलिस ने बरामद प्रश्नपत्र के सीरियल नंबर के आधार पर उस पैकेट को भी खोज निकाला है, जिससे प्रश्नपत्र निकाले गये थे. पैकेट को पुलिस ने तिसरी स्थित प्लस टू अग्रवाला हाइस्कूल से बरामद कर लिया गया है. इधर, सील देखने के सवाल पर तिसरी प्रखंड के बीडीओ सह दंडाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि चूंकि मामले की जांच पुलिस कर रही है, इसलिए फिलहाल इसपर वे कुछ नहीं कह सकते. उन्होंने इतना जरूर कहा कि वह गिरिडीह के स्ट्रांग रूम से प्रश्नपत्र लाये और उसे बैंक में रखा.वर्ष 2019 से ही शहरी आजीविका केंद्र बनाया जा रहा है स्ट्रांग रूम : डीसी
डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने मामले में बताया कि प्रश्नपत्रों को रखने के लिए वर्ष 2019 से अब तक शहरी आजीविका केंद्र को ही स्ट्रांग रूम में तब्दील किया जाता रहा है. इस बार भी उसी भवन में स्ट्रांग रूम बनाया गया. इस स्थल पर प्रश्नपत्रों की निगरानी और भंडारण के लिए 9-1 की संख्या में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी और सुरक्षा के लिए 4-1 का पुलिस बल तैनात किया गया था. उन्होंने कहा कि दंडाधिकारियों को प्रश्नपत्र देते समय वीडियोग्राफी भी करायी गयी है.कोट
पूरी स्थिति पर नजर है. गहन जांच की जा रही है. जैसे-जैसे तथ्य और साक्ष्य मिलेंगे, संबंधित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. जिन छह लोगों को गिरिडीह से गिरफ्तार किया गया था, उन्हें जेल भेज दिया गया है. अनिल कुमार सिंह, अनुसंधानकर्ता सह एसडीपीओ, कोडरमा(राकेश सिन्हा, गिरिडीह)
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