धान की खेती करने वाले किसानों को इस वर्ष बारिश की मार झेलनी पड़ रही है. अभी धान की फसल में बाली आने व दाना भरने का समय चल रहा है. इससे उपज के प्रभावित होने की आशंका है. इससे पूर्व बीज की बुआई के समय काफी पहले बीज सड़ने से नुकसान उठाना पड़ा. फिर फसल रोपाई के बाद अत्यधिक बारिश से बकानी (बक्की) रोग लगने की समस्या पैदा हुई. किसानों का कहना है कि मौसम का यही हाल रहा, तो भारी नुकसान से इंकार नहीं किया जा सकता है.
अंकुरण में हो रही समस्या
कृषकों में बच्चू महतो, राजेंद्र वर्मा, तितु साव, कार्तिक सिंह, राजू सिंह, डिलो महतो, फत्तूलाल वर्मा आदि किसानों का कहना है कि बाली आने के समय लगातार बारिश हो जाने से पैदावार प्रभावित हो जायेगी. अत्यधिक बारिश से खेतों में फसल भी गिर जा रही है. ऊपरी सतह वाले खेतों में फसल पकने भी लगी है. पक कर तैयार हो चुकी फसल में अंकुरण की समस्या उत्पन्न हो रही है. निचले खेतों में धान का दाना तैयार होने का समय चल रहा है, पर बारिश से दाना बनने की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है.सब्जी की खेती चौपट
बारिश की वजह से फूलगोभी, बंधागोभी, टमाटर, बैगन, हरी मिर्च की खेती चौपट हो गयी. मकई की खेती नहीं हो पायी, वहीं आलू की खेती के लिए बीज लगाने के समय में खेत को तैयार भी नहीं किया जा सका है. आलू की खेती के लिए किसान मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

