नीलगाय को गांव में देखकर ग्रामीणों ने उसे मकई के खेत में घुसा दिया और मौका पाकर पकड़ लिया. गाय को पकड़ने के बाद उसे पेड़ से बांध दिया. जानकारी मिलने पर काफी संख्या में ग्रामीण नीलगाय को देखने वहां पहुंच गये. मुखिया पति रघुनंदन कुश्वाहा की सूचना पर वन विभाग की गांव पहुंची. नीलगाय को कब्जे में लेकर उसकी जांच की गयी. नीलगाय को स्वस्थ पाये जाने पर उसकी आंख में पट्टी बांधकर उसे हतवा जंगल छोड़ दिया. बंधन मुक्त होते ही नीलगाय जंगल में ओझल हो गयी. बताया जाता है कि बटिया के जंगल में काफी संख्या में नीलगाय पायी जाती है. प्रभारी वनपाल रोहित कुमार पंडित ने बताया कि नीलगाय सहित अन्य जंगली जानवरों की शिकार पर प्रतिबंध है. ऐसा करते पाये जाने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
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