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Giridih News: बिरहोर परिवार के लिए वरदान साबित हो रहा आम बागान

Giridih News: सरिया प्रखंड के मंदरामो पश्चिमी पंचायत अंतर्गत कालापत्थर स्थित बिरहोरटंडा में बिरहोर समुदाय के 23 परिवार रहते हैं. उक्त आदिम समुदाय का रहन-सहन व आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी. शिक्षा का अभाव था. मजदूरी करना, चोप की रस्सी बांटकर बेचना, शिकार करना इनका मुख्य पेशा था. बच्चे,बड़े, बूढ़े सभी शराब का सेवन करते रहते थे. इनके जीवन स्तर में सुधार के लिए आंगनबाड़ी केंद्र खोला गया. पूनम बिरहोर सेविका चयनित हुआ. अब वह यहां के बच्चों को शिक्षित कर रही है. सरकार कुछ बच्चों को हॉस्टल में रखकर पढ़ा रही हैं.

वर्ष 2010 में मनरेगा तथा वन विभाग के संयुक्त प्रयास से आम का बागान लगवाया गया. लगभग 16 एकड़ जमीन पर लगाये गये आम के 8000 पौधे बिरहोर समुदाय के लिए अब वरदान साबित हो रहे हैं. फल बेचकर बिरहोर परिवार के लोग आर्थिक उपार्जन कर रहे हैं. इससे उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार हो रहा है. लोगों के रहन-सहन में भी पूर्व की अपेक्षा काफी बदलाव हुआ है. आम की फसलों की से हुई आमदनी बिरहोर परिवार के विकास में ही लगायी जाती है. बता दें कि गिरिडीह जिला के तत्कालीन उपायुक्त वंदना दादेल ने आदिम जनजाति विरहोर परिवारों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलायीं थीं. अधिकारियों को उनकी देखरेख आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए जिम्मेवारी भी दी.

कई प्रजाति के हैं आम

इसी दौरान वन विभाग तथा मनरेगा के संयुक्त प्रयास से बिरहोर परिवार के लिए आम का बगीचा लगाया गया, जिसमें दशहरी, लंगड़ा, आम्रपाली, गुलाब खास, बंबइया, किशन भोग, मल्लिका, तोतापुरी, मालदा अल्फांसो, हिमसागर सहित विभिन्न किस्म के आम के कलमी पौधे लगाये गये. तार के मजबूत घेरे लगाये गए. पर्याप्त देखरेख तथा सिंचाई की व्यवस्था की गयी. इसके कारण वर्ष 2013 में आम की पहली फसल हुई। वन विभाग की देखरेख में 40000 का आम बेचकर बिरहोरटंडा के सभी 23 बिरहोर परिवार को सोलर लालटेन दिया गया. नदियों का पानी पीने को मजबूर बिरहोर परिवार के लिए गांव में चापाकल लगवाया गया. वर्ष 2015 लगभग 200000 के आम की फसल की बिक्री हुई. इससे बिरहोरटंडा में डीप बोरिंग कर पेयजलापूर्ति शुरू की गयी. बाद में वन विभाग ने आम बागान की देखरेख तथा इसकी आमदनी व विकास की जिम्मेदारी बिरहोर परिवार को सौंप दी गयी. इससे होने वाले आय से आवास की मरम्मत, रंग-रोगन आदि कार्य किये गये. सोने के लिए लकड़ी की चौकी बनायी गयी.

समिति का किया गया गठन

इस वर्ष आम की खेती अच्छी हुई है. बिरहोर परिवार के लोग स्वयं इसकी देखरेख कर रहे हैं. इसकी बिक्री के लिए समिति बनायी गयी है.आम बिक्री केंद्र के संचालक हरिलाल मांझी ने बताया कि उनकी देखरेख में आम की बिक्री हो रही है. इसमें कुछ स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिल रहा है. विभिन्न किस्म के स्वादिष्ट तथा ताजा आम की खुशबू आसपास के अलावा सरिया के लोग आ रहे हैं. कहा कि इससे होने वाली आमदनी को बिरहोर समुदाय के विकास कार्यों में लगाये जायेंगे. इस तरह बिरहोर समुदाय के विकास के लिए लगायी आम बागवानी उनके आर्थिक सामाजिक विकास में मददगार साबित होते दिख रही है.

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