पेड़-पौधों पहुंच रहा है नुकसान
गावां थाना क्षेत्र के गाढ़ीसांख, डुमरझारा, सिजुवाई समेत अन्य जंगलों व पहाड़ों में इन दिनों धड़ल्ले से अवैध महुआ शराब चुलाई का धंधा चल रहा है. जंगलों में टेंट लगाकर माफिया शराब चुलाई करवा रहे हैं. इससे पेड़-पौधों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. जंगलों को काटकर लकड़ी को भट्ठी में झोंका जाता है. सूत्रों की मानें तो गाढ़ीसांख, सिजुवाई, डुमरझारा समेत अन्य गांव के समीप घने जंगल के अंदर कई अवैध शराब की भट्टियां चल रही हैं. इन अवैध शराब भट्ठियों में जंगल के बड़े-बड़े पेड़ों को काटकर जलाया जा रहा है. वन विभाग के सजगता के बावजूद पेड़ कर रहे हैं. बरमसिया पिकेट से 500 मीटर दूर, राजोखार, बरमसिया, अलगडीहा, ओड़पोड़ो समेत अन्य गांवों के दर्जनों घरों में भी अवैध शराब भट्ठी संचालित है. सूत्रों का कहना है कि शराब निर्माण में यूरिया समेत कई पदार्थों का प्रयोग होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इन क्षेत्रों में तैयार शराब स्थानीय ढाबों के अलावा बिहार पहुंचायी जाती है.छापेमारी के बाद पुनः चालू हो जाता है धंधा
बीच बीच में वन विभाग व पुलिस के द्वारा छापेमारी की जाती है, लेकिन कुछ ही दिनों बाद यह धंधा पुनः चालू हो जाता है. जंगली क्षेत्र होने के कारण पुलिस के पहुंचते ही अवैध धंधेबाज फरार हो जाते हैं. छापेमारी करने पहुंचे टीम के सदस्य जावा महुआ व शराब को नष्ट कर देते हैं. लेकिन, अवैध धंधेबाजों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है. स्थानीय लोगों के अनुसार इस धंधे में जुटे शराब माफिया के खिलाफ झारखंड व बिहार के कई थानों में एफआईआर दर्ज है, लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है. लोगों का कहना है कि इन अवैध शराब भट्ठियों के कारण जंगलों में अपराध बढ़ रहा है. युवा गलत रास्ते पर जा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है