करमा पर्व को लेकर स्थानीय बाजार में सुबह से ही लोगों का हुजूम उमड़ने लगा. खासकर बाजार में पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ही खरीदारी करती देखी गयीं. जैसे-जैसे समय बीतता गया, बाजार में भीड़ बढ़ता गया. बाजार में खीरा, केला, अनरसा आदि की जम कर खरीदारी हुई. विद्यालय में छुट्टी होने के कारण स्कूली छात्रा भी बाजार में खरीदारी करती दिखीं. पर्व को लेकर सुबह से शाम तक बाजार में काफी चहल पहल देखी गयी. व्रतियों ने गीत गाते हुए करम की डाल को आंगन में स्थापित कर पूजा-अर्चना की. ‘आइज रे करम गोसाईं घारे-अंगना रे…,’ देहु करम गोसाईं देहु आशीष हे, मेरो भैया जिये लाखों बरिस हे… जैसे गीतों से वातावरण भक्तिमय हो गया. पूजा स्थल पर फूल पत्तियों से आकर्षक साथ सज्जा की गयी. सुदूर क्षेत्रों में मांदर की थाप पर व्रतियों के गीत व नृत्य से वातावरण गूंज उठा.
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