भवन की स्थिति यह है कि बनने के पूर्व यह खंडहर में तब्दील हो गया है, जिसमें स्थानीय ग्रामीण जानवर व बकरी रखने का काम कर रहे हैं. गोदाम भवन के शिलान्यास के दौरान किसानों को लगा था कि पैक्स का भवन बन जाने से उनके धान की खरीददारी सरकार के द्वारा स्थानीय स्तर पर की जाएगी, जहां किसान आसानी से अपने धान की बिक्री कर सकेंगे. साथ ही समय समय पर सरकार की चलनेवाली महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठा सकेंगे, लेकिन किसानों का यह सपना साकार नहीं हुआ, जिससे वे परेशान हैं. इसके बावजूद इस ओर न तो अधिकारी का ध्यान है और न ही जनप्रतिनधियों का. इस वजह से पैक्स भवन 15 वर्षो से अधूरा पड़ा है और दीवार में लगी ईंट धीरे धीरे गायब होती जा रही है. बता दें की बगोदर के तत्कालीन विधायक बिनोद सिंह, पूर्व जिप सदस्य सुनीता देवी, कपिलो के पूर्व मुखिया जगदीश मोदी के द्वारा पैक्स भवन निर्माण को लेकर वर्ष 2010-011 में शिलान्यास किया गया था, जो आज तक अधूरा पड़ा है. बताया जाता है कि चेक स्लीप स्थल काे लेकर भवन बनाया गया था. भवन काे उक्त चयनित स्थल पर नहीं बनाकर वन विभाग की जमीन पर बनाया जाने लगा. भवन बनने की जानकारी होने पर वन विभाग के अधिकारी ने काम पर रोक लगा दी. इस संबंध में मुखिया मुकेश यादव, सूरज कुमार मोदी, आदित्य साव, अमित गुप्ता, सुरेंद्र मोदी, जितेंद्र साव, बीरेंद्र साव, अजित साव समेत कई लोगों ने बताया कि वन विभाग की जमीन पर भवन का निर्माण कार्य किये जाने पर विभाग के द्वारा रोक लगायी गयी थी. कहा कि विभागीय अधिकारी की लापरवाही के कारण भवन 15 वर्षो से अधूरा पड़ा है. छत ढलाई कार्य पूर्ण कर लिया गया और भवन कार्य अधूरा है. इसमें लाखों रुपये सरकार के द्वारा खर्च किये गये हैं. उपयोग होने की जगह इसमें राशि की बंदरबांट हुई है. लोगों ने उपायुक्त से जल्द ही पैक्स भवन का निर्माण कराने की मांग की है, ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके. प्रभारी बीसीओ प्रभास कुमार ने कहा कि जिला परिषद मद से भवन का निर्माण कराया जा रहा था. जिला परिषद के द्वारा हमलोगों को हैंडओवर नहीं कराया गया था. इस कारण हम कुछ बता नहीं सकते हैं.
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