अनियमित बिजली आपूर्ति से ग्रामीण उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है. बिजली आने और जाने का कोई समय तय नहीं है. परेशान उपभोक्ताओं की झुंझलाहट बढ़ जाती है, जब विभागीय कर्मी मोबाइल स्विच ऑफ कर देते हैं. इससे विभाग के प्रति उपभोक्ताओं का रोष बढ़ता जा रहा है.
विभागीय उदासीनता बढ़ा रही जनाक्रोश
बताया जाता है कि पिछले तीन दिनों से बेंगाबाद में बिजली की आपूर्ति चरमरा गयी है. दिन में चार से पांच घंटे ही विद्युतापूर्ति की जा रही है, जबकि रात में एक घंटे भी सुचारु ढंग से बिजली नहीं मिल पा रही है. बिजली आती भी है तो लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है. लो वोल्टेज से ग्रामीणों को राहत नहीं मिल रही है. बिजली आपूर्ति की दिशा में विभागीय उदासीनता और बिल वसूली में गंभीरता से ग्रामीणों में रोष बढ़ने लगा है. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने विभाग को स्थिति में सुधार नहीं करने पर आंदोलन की बात कही है.
छापेमारी में सजग विभाग को अपनी ड्यूटी नहीं मालूम
भाजपा नेता सौरभ सागर मिश्रा, महेंद्र प्रसाद वर्मा, बाबूचंद साव, फाब्ला नेता शिवनंदन यादव के अलावा ग्रामीण अमित राणा, मोहन यादव, सुखदेव यादव, स्टीफन मरांडी, नरेश साह, अजय यादव सहित अन्य का कहना है कि रात में फीडरों से लाइन की कटौती कर पावर हाउस से सटे विभिन्न प्लांटों में इसकी आपूर्ति की जाती है. ग्रामीणों की समस्या सुनने के पहले ही कर्मियों का मोबाइल स्विच ऑफ रहता है. कहा कि जिस तरह से विभाग बिल की वसूली के लिए छापेमारी की कार्रवाई में सजग रहता है, उसी तरह क्षेत्र में बिजली की सुविधा को लेकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना चाहिए. विभागीय कर्मियों का कहना है कि लोड शेडिंग के कारण समस्या हो रही है. एक-दो दिनों में स्थिति सामान्य हो जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है