वार्डवासियों ने बताया कि इलाके में कई साल पहले नगर निगम द्वारा पाइपलाइन बिछा दी गई थी, लेकिन आज तक उस पाइप से एक बूंद भी पानी नहीं आया है. स्थानीय निवासियों ने बताया हर घर में नल है पर पानी नहीं आता. महिलाएं और लड़कियां दूर-दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं. स्थिति इतनी दयनीय है कि लोग अपने घरों की जरूरतों के लिए बगल में स्थित सरकारी शौचालय से पानी लाने को मजबूर हैं. सुबह से लेकर दोपहर तक पानी की जुगाड़ में लगे रहना वार्ड की महिलाओं की दिनचर्या बन चुकी है. बच्चे प्यासे स्कूल जाते हैं, बुजुर्गों को नहाना और पीने तक का पानी मयस्सर नहीं होता. पानी की तरह बिजली की स्थिति भी कम चिंताजनक नहीं है. कार्यक्रम के दौरान लोगों ने यह भी कहा कि उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी कई बार गुहार लगाई, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. कहा कि चुनाव के समय वादों की झड़ी लग जाती है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई झांकने तक नहीं आता. लोगों ने प्रशासन से अपील किया है कि पानी और बिजली जैसी बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता दी जाये और स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाये. विशेषकर गर्मी के इस भीषण मौसम में पानी और बिजली की कमी लोगों के लिए गंभीर संकट बन गई है.
सरकारी शौचालय से पानी लाने को मजबूर हैं वार्ड के लोग
वार्ड नंबर 18 की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि यहां के लोगों को पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि इलाके में पानी की आपूर्ति न के बराबर है. पाइपलाइन तो वर्षों पहले बिछा दी गई थी, लेकिन अब तक उसमें पानी नहीं आया. हालात इतने खराब हैं कि लोगों को पानी के लिए दूर-दराज के इलाकों तक जाना पड़ता है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कभी-कभी लोगों को पास के सरकारी शौचालय से भी पानी लाना पड़ता है. यह स्थिति न केवल अमानवीय है, बल्कि सरकार के जल जीवन मिशन जैसे अभियानों की जमीनी हकीकत को भी उजागर करती है. एक ओर सरकार हर घर जल पहुंचाने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर इस वार्ड के लोग पीने के लिए शौचालय से पानी लाने को विवश हैं. स्थानीय महिलाओं ने बताया कि सुबह का अधिकांश समय पानी की तलाश में ही बीत जाता है. बच्चों को प्यासे स्कूल भेजना पड़ता है और बुजुर्गों की देखभाल से पहले पानी का इंतज़ाम करना उनकी मजबूरी बन गई है. लोगों का कहना है कि वे कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है. वार्डवासियों की यह मांग है कि प्रशासन तत्काल संज्ञान ले और इलाके में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करे ताकि उन्हें इस अपमानजनक स्थिति से निजात मिल सके.
बिजली की अनियमित आपूर्ति से बेहाल हैं वार्डवासी
स्थानीय लोगों ने बिजली की बदहाल स्थिति को लेकर भी अपनी गंभीर चिंता जताई. उन्होंने बताया कि वार्ड नंबर 18 में बिजली की आपूर्ति बेहद अनियमित है. दिन के समय में कई-कई बार बिजली कट जाती है, और रात में भी बार-बार बिजली चली जाती है. यह समस्या केवल असुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों के दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है. गर्मी के इस मौसम में जब तापमान लगातार चढ़ रहा है, तब बिजली की अनियमितता लोगों की मुश्किलें और बढ़ा रही है. बच्चों को रात में चैन की नींद नहीं मिलती, बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ रही है और बीमार लोग बिना पंखे या कूलर के बेहाल हैं. स्थानीय निवासियों ने बताया कि बिजली की कटौती बिना किसी पूर्व सूचना के होती है, जिससे अचानक अंधेरा छा जाता है और घर के जरूरी कामकाज ठप पड़ जाते हैं. मोबाइल चार्ज करने से लेकर खाने-पीने तक की व्यवस्थाएं बाधित हो जाती हैं. लोगों ने मांग की है कि बिजली की आपूर्ति को नियमित किया जाए और कटौती की पूर्व सूचना दी जाए, ताकि वे कम से कम मानसिक रूप से तैयार रह सकें. साथ ही, गर्मी के इस भीषण मौसम में स्थायी समाधान की दिशा में त्वरित कदम उठाए जाएं ताकि नागरिकों को थोड़ी राहत मिल सके.
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