सोमवार को निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने प्रेस वार्ता कर कार्यक्रमों के विस्तृत स्वरूप की जानकारी दी. इस दौरान उपनिदेशक प्रो. धीरज कुमार, आयोजन समिति के संयोजक प्रो. आलोक कुमार दास, डीन प्रो. रजनी सिंह, रजिस्ट्रार प्रबोध पांडेय, संयुक्त संयोजक प्रो. राजीव उपाध्याय और सचिव सौरभ दत्ता गुप्ता उपस्थित थे.
1926 में रॉयल स्कूल ऑफ माइंस से शुरू हुई थी यात्रा, शताब्दी वर्ष मना रहा संस्थान
प्रो मिश्रा ने बताया कि संस्थान की स्थापना वर्ष 1926 में लंदन के रॉयल स्कूल ऑफ माइंस के मॉडल पर हुई थी. तब से लेकर अब तक यह संस्थान कोयला, खनन, पेट्रोलियम, भूविज्ञान, पर्यावरण व विभिन्न इंजीनियरिंग क्षेत्रों में वैश्विक स्तर के विशेषज्ञ तैयार करता आया है. समय के साथ संस्थान ने एआइ, ऊर्जा प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा, सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशन में भी अपनी मजबूत पहचान बनाया है. इस ऐतिहासिक यात्रा के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित शताब्दी फाउंडेशन वीक के समारोह का उद्घाटन तीन दिसंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव डॉ पीके मिश्रा करेंगे. छह दिसंबर को केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांतो मजुमदार मुख्य अतिथि होंगे जबकि समापन समारोह नौ दिसंबर को उद्योगपति गौतम अडाणी की उपस्थिति में होगा. अन्य दिनों के मुख्य अतिथियों का चयन प्रक्रिया में है.
सभी के लिए खुलेगा कैंपस, तकनीक और संस्कृति का अनूठा संगम
निदेशक प्रो मिश्रा ने बताया कि तीन से आठ दिसंबर तक कैंपस आम जनता के लिए खुला रहेगा. इन दिनों आगंतुकों के लिए तकनीकी प्रदर्शनी, इनोवेशन शोकेस, माइनिंग मॉडल, मेटावर्स और एआइ आधारित अनुसंधान प्रयोगशालाओं का प्रदर्शन किया जाएगा. सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों में वैदिक मंथन, विकसित भारत @2047, ऊर्जा संक्रमण, खनन सुरक्षा, डिजिटल सिस्टम, महिला सहभागिता, सतत विकास और उभरती तकनीकों पर चर्चा सत्र आयोजित होंगे. देश के प्रमुख वैज्ञानिक, उद्योग विशेषज्ञ और शोधकर्ता इन सत्रों में हिस्सा लेंगे.
सांस्कृतिक कार्यक्रम भी बनाएंगे समारोह को खास
तकनीकी आयोजनों के साथ-साथ नृत्य, संगीत, नाटक, कवि सम्मेलन और पारंपरिक लोक प्रस्तुतियों का आयोजन भी किया जाएगा. इसमें देशभर के कलाकारों और छात्रों की भागीदारी रहेगी. बच्चों और युवाओं के लिए क्विज, विज्ञान मेले, स्वास्थ्य जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण और खेलकूद से जुड़ी गतिविधियां भी निर्धारित की गयी हैं. वहीं आसपास की समुदायिक संस्थाओं के साथ संवाद कार्यक्रम के माध्यम से छात्र सामाजिक सरोकारों से जुड़े प्रोजेक्ट्स को साझा करेंगे.
समापन दिवस पर अनावरण होगा शताब्दी स्मारक
नौ दिसंबर को फाउंडेशन डे समारोह में विशेष शताब्दी स्मारक का अनावरण किया जायेगा. यह स्मारक संस्थान की उपलब्धियों, शोध विरासत और भविष्य की दिशा का प्रतीक होगा. निदेशन प्रो मिश्रा ने कहा कि शताब्दी वर्ष के बाद संस्थान अब खनन 4.0, स्वच्छ ऊर्जा, एआइ आधारित अनुसंधान और बहु-विषयक तकनीकी नवाचार के नये युग में प्रवेश कर रहा है. यह सप्ताह न केवल 100 वर्षों की उपलब्धियों का उत्सव होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नयी तकनीकी दिशा तय करेगा.
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