दीपक ने आईआईटी-आईएसएम धनबाद से माइनिंग इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की है. पढ़ाई के बाद उनकी एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी भी लग गई थी, लेकिन उनका मन प्रशासनिक सेवा की ओर ज्यादा झुका हुआ था. कॉलेज के दौरान उनके कुछ दोस्त यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, जिनसे उन्हें प्रेरणा मिली. इसके बाद उन्होंने भी सिविल सेवा में करियर बनाने का मन बनाया. गौर करने वाली बात यह है कि दीपक ने पूरी तैयारी यूट्यूब और अन्य ऑनलाइन माध्यमों से की. उन्होंने कभी कोचिंग नहीं ली. वे बताते हैं कि डिजिटल प्लेटफॉर्म आज के समय में किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए बड़ा माध्यम बन चुका है, बशर्ते उसमें समर्पण और अनुशासन बना रहे. दीपक के पिता कोल इंडिया में कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां रुक्मणि देवी एक गृहिणी हैं. उनका भाई एनटीपीसी में कार्यरत है और बहन की शादी हो चुकी है. दीपक बताते हैं कि उनके परिवार ने हमेशा उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और पूरे परिवार को दिया. दीपक पहले ऑटोमेटिव कैटेगरी से परीक्षा में शामिल हुए थे और पहले ही प्रयास में उन्हें शानदार सफलता मिली. वे कहते हैं अगर इच्छाशक्ति हो और मार्गदर्शन सही मिले, तो किसी भी परीक्षा को पार किया जा सकता है. अब दीपक प्रशासनिक सेवा में आकर राज्य और समाज के विकास में योगदान देना चाहते हैं.
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